कंगाल पाकिस्तान की कंगाली अब खुलकर झलकने लगी है। सरकारी कर्मचारियों को पगार भी तभी मिल पा रही है जब चीन या सउदी अरब जैसे किसी आका देश से चंदा मिलता है। अब इसमें महीना लगे, दो महीने लगें या फिर चार महीने। इसी कंगाली के चलते पाकिस्तान की सरकारी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी पीआईए के कई विमान जमीन पर ही खड़े हैं क्योंकि उनमें तेल भराने के लिए पैसे ही नहीं हैं। अब बारी रेलवे की है क्योंकि उसके कर्मचारियों को दो महीने से पगार नहीं मिली है। उन्होंने हड़ताल पर जाने और चक्का जाम करने की धमकी दी है। इसके लिए सरकार को दो दिन की मोहलत दी गई है। 2 नवम्बर तक अगर पगार न मिली तो रेलगाड़ियां चलानी बंद कर दी जाएंगी।
पाकिस्तान की कंगाली से सीधे—सीधे प्रभावित हो रहे सरकारी विभागों की हालत डगमगाई हुई है। एयरलाइन्स और रेलवे के अलावा कई विभागों में कर्मचारियों को वक्त पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। रेलवे में गत सितंबर माह से पगार नहीं मिली है, अब शायद 2 नवम्बर के बाद चक्काजाम की धमकी से उनका कुछ भला हो जाए।
सउदी और चीन जैसे ‘आकाओं’ से मिली ‘भीख’ के दम पर पाकिस्तान ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ी बढ़त भले कर ली हो, लेकिन जमीनी हालात कुछ अलग ही हैं। पाकिस्तान का रेल विभाग वहां के सरकारी विभागों में दूसरा सबसे बड़ा विभाग है। उसमें हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जो दो महीने से पगार को तरस रहे हैं। कई बार मांग किए जाने के बाद भी जब सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी तो उन्होंने हड़ताल करके गाड़ियां पटरी पर दौड़ाने से मना कर दिया।
पाकिस्तान की सरकारी विमानन सेवाएं भी पटरी से उतरी हुई हैं। बताया गया है कि लगभग 600 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। इस वजह से पीआईए की आमदनी में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। फिलहाल पीआईए के कुल 34 विमानों में ये कई तेल भराने के पैसे न होने की वजह से जमीन पर खड़े धूल फांक रहे हैं।
रेलवे के कर्मचारियों ने अपनी बदहाली की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। लेकिन उससे कोई लाभ नहीं हुआ। लेकिन इससे पूरे पाकिस्तान में रेलगाड़ियों का चलना डगमगा गया। पाकिस्तान रेलवे चालकों की यूनियन के एक अधिकारी का कहना है कि दो महीने के पगार को देने के लिए सरकार के सामने 2 नवंबर तक की छूट दी गई है। अगर सरकार ने अब भी कुछ नहीं किया तो नवम्बर के पहले हफ्ते से ही चक्का जाम करना शुरू कर दिया जाएगा।
पाकिस्तान रेलवे के सीईओ रहे शाहिद अजीज ने बताया है कि रेलवे भी कंगाली के दौर से गुजर रही है। विभाग ने खर्चे चलाने के लिए फिलहाल 35 अरब डॉलर मांगे हैं। इसमें से 5 अरब तो सिर्फ कर्मचारियों की पगार देने में लग जाने वाले हैं। इतना ही नहीं, पटरियों की मरम्मत आदि के लिए भी लगभग 10 अरब रुपए चाहिए। सिर पर चढ़े पहले के कर्ज को चुकाने के लिए भी रेलवे को पैसा तो चाहिए ही।
जैसा पहले बताया, पाकिस्तान की सरकारी विमानन सेवाएं भी पटरी से उतरी हुई हैं। बताया गया है कि लगभग 600 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। इस वजह से पीआईए की आमदनी में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। फिलहाल पीआईए के कुल 34 विमानों में ये कई तेल भराने के पैसे न होने की वजह से जमीन पर खड़े धूल फांक रहे हैं।
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