पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित सुप्रसिद्ध गायक श्री शंकर महादेवन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की देश के विकास और संस्कृति को बचाए रखने के लिए दिए गए योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे अखंड भारत का जो विचार है, हमारी संस्कृति को बचाए रखने में संघ का अतुल्य योगदान है। श्नी महादेवन ने कहा, “जब मैं स्वयंसेवकों को देखता हूँ, वो देश में कोई भी घटना हो, कोई भी प्रॉब्लम हो, जब जरूरत है वो भी पीछे खड़े होकर चुपचाप अपने देश के लिए काम करते हैं। अगर हम कहेंगे कि हमारा देश एक गीत है तो हमारे स्वयंसेवक उसके पीछे की सरगम हैं। जो गीत को जान देते हैं।”
महादेवन ने ये बात मंगलवार (24, अक्टूबर 2023) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 98 वें स्थापना दिवस पर नागपुर के ऐतिहासिक रेशिम बाग मैदान में आयोजित समारोह में कही। इस दौरान परम्परागत तरीके से विजयादशमी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में श्री महादेवन मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।
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इस मौके पर पद्मश्री शंकर गायक शंकर महादेवन संघ को लेकर कहते हैं, “इस वक्त मैं ऐसा महसूस कर रहा हूँ। विश्व भर में भारत और भारतीय नागरिक को पूरा विश्व सम्मान की नजरों से देखने लगा है। इसलिए मैं कहता हूँ कि जहाँ भी हो, जहाँ भी जाओ, जब भी जाओ सर उठाकर गर्व से कहो मैं भारत का नागरिक हूँ।”
महादेवन ने देश के लिए संघ के योगदानों को याद करते हुए एक गीत गाया। उन्होंने कहा-
देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए।
मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए।।
सिलसिला ये बाद मेरे यूं ही चलना चाहिए।
मैं रहूं या न रहूं भारत ये रहना चाहिए।।
मेरी नस नस तार कर दो और बना दो एक सितार।
राग भारत मुझपे छेड़ो झनझनाओ बार-बार।।
देश से ये प्रेम, आंखों से छलकना चाहिए।
मैं रहूं या न रहूं भारत ये रहना चाहिए।।
शत्रु से कह दो जरा सीमा में रहना सीख ले।
ये मेरा भारत अमर है, सत्य कहना सीख ले।।
भक्ति की इस शक्ति को बढ़कर दिखाना चाहिए।
मैं रहूं या न रहूं भारत ये रहना चाहिए।।
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