‘भगवान राम अगर आज होते तो शम्बूक ऋषि की हत्या करने के आरोप में आईपीसी की धारा 302 के तहत उन्हें जेल भेज देता। यदि आज कृष्ण होते तो मैं उन्हें महिलाओं के सेक्सुअल हरेसमेंट के लिए जेल भेजता।’ ये टिप्पणी की है इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ विक्रम ने। इस मामले में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग हिन्दू संगठनों ने की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में डॉ विक्रम असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं। हिन्दू घृणा से सने प्रोफेसर विक्रम ने एक बार फिर से हिन्दुओं की आस्था पर कुठाराघात करने की कोशिश की है। इससे पहले भी डॉ विक्रम ने इसी तरह की टिप्पणी हिन्दू धर्म को लेकर की थी, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था। अब एक बार फिर से डॉ विक्रम ने वैचारिक विष्ठा का त्याग किया है।
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बहरहाल, हिन्दू घृणा और हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में उटपटांग बयान के बाद विवाद बढ़ गया है। इस मामले में प्रयागराज में बजरंगदल के संयोजक शुभम कुशवाहा ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। आरोप है कि उन्होंने विवादित बयान देकर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया। शिकायत में आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने औऱ विश्वविद्यालय से भी उचित कदम उठाने की मांग की गई है।
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अशांति फैलाने की सुनियोजित साजिश
इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपना लिया है। इस घटना को लेकर विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री नितिन ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। नितिन के मुताबिक, डॉ विक्रम ने ये टिप्पणी हिन्दुओं को भड़काने के लिए की है। समाज में अशांति फैलाने के लिए ये एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया है। वीएचपी ने पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले में एक्शन लेने की मांग की है।
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