देहरादून। डीएम देहरादून सोनिका ने शत्रु संपत्ति मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए वहां काबिज लोगो को 15 दिनों में अवैध कब्जा छोड़ने को कहा है। इस मियाद के खत्म होते ही जिला प्रशासन बलपूर्वक इस संपत्ति को खाली करवाएगा।
काबुल के राजा से जुड़ी इस शत्रु संपत्ति के मामले में हाई कोर्ट के निर्देश पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई चल रही थी, जिसमे सम्पत्ति पर काबिज और अन्य दावेदारों को सुना गया था। उक्त संपत्ति का मालिक केंद्रीय गृह मंत्रालय है, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। इस संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के आरोप लग रहे थे और कई लोग फर्जी वारिस बनकर करोड़ों रुपये की इस काबुल हाउस की संपत्ति को हथियाने के प्रयास में लगे हुए थे और इसमें सहारनपुर से फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के भी मामले सामने आए थे। आज इस मामले में डीएम सोनिका ने फैसला सुना दिया। नैनीताल में भी मेट्रोपॉल शत्रु संपत्ति को सरकार ने अपने कब्जे में लेने के लिए यही प्रक्रिया अपनाई थी और इस बारे में हाई कोर्ट नैनीताल ने भी दिशा-निर्देश दिए थे।
देहरादून में कहां है शत्रु संपत्ति
जानकारी के मुताबिक 1879 काबुल के राजा मोहम्मद याकूब खान देहरादून आकर बसे थे। यहां उनकी संपत्ति कई स्थानों पर थी। वर्ष 1924 में उनकी मौत हो गई। उनके वंशज बंटवारे के दौरान विदेश चले गए। बाद में वे पाकिस्तान के नागरिक हो गए। उनके पारिवारिक मित्र रहे मोहम्मद असलम खान यूपी में और देहरादून में रहते हैं। उनका कहना है कि सरकार इस संपत्ति को अपने कब्जे में लेकर जनहित के कामों में लगाए।
जानकारी के मुताबिक काबुल राजा के फर्जी रिश्तेदार, सहारनपुर देहरादून में बन गए और वे अब देहरादून की शत्रु संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने दावे कर रहे हैं। इनमे मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद खालिद अब्दुल रज्जाक का एक गिरोह है। एक गिरोह आरिफ खान का है। तीसरा गिरोह तारीक अख्तर का है, जोकि 23 शत्रु संपत्तियों की कब्जेदारों को रजिस्ट्री भी करके सरकार को धोखा दे चुका है। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई थी किंतु आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई।
जानकारी के अनुसार इस सारे प्रकरण में तहसीलदार रहे राशिद की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया। इन संपत्तियों को नगर निगम के दस्तावेजों में भी हेरफेर करके चढ़ाया जाने वाला था जिसे तत्कालीन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय द्वारा रोका गया। ऐसा नहीं है कि इन मामलो की जानकारी शासन के अधिकारियों के संज्ञान में न हो, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी जब देहरादून की डीएम थीं, तब उनकी जानकारी में था। शासन में सचिव शैलेश बगौली , जिला अधिकारी रहे आशीष श्रीवास्तव, हाल ही में एडीएम पद से हटाए गए बर्नवाल, डीजीपी रहे अनिल रतूड़ी, डीआईजी रहे अजय रौतेला, सबकी जानकारी में देहरादून की शत्रु संपत्ति के मामले संज्ञान में रहे हैं, लेकिन जब जब कब्जे मुक्त कराने की बात सामने आती है तो कोई न कोई सफेदपोश राजनीतिक दबाव उनके काम में बाधा डाल देता था या उन्हें रोक देता रहा है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शत्रु संपत्ति मामले में सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने डीएम सोनिका को सख्ती से निर्देशित किया है कि वह इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेकर उनकी हद बनाएं और बोर्ड लगाएं। इस संपत्ति को देहरादून के हित में उपयोग में लाए जाने की योजना बनाई जाए।
टिप्पणियाँ