उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सुरक्षाकर्मियों के साथ टाइगर सेफ्टी पेट्रोलिंग की है। उत्तराखंड, टाइगर की आबादी में देश में तीसरे स्थान पर है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अंशुल सक्सेना से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बातचीत करते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में टाइगर इसलिए भी हैं क्योंकि यहां हर चोटी पर शक्ति मां के मंदिर हैं और टाइगर शक्ति की सवारी है।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 500 से अधिक टाइगर्स हैं, जिससे करीब दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। इससे लगभग 20 हजार करोड़ का कारोबार चल रहा है। सीएम धामी ने कहा कि पोचर्स करने वालों के खिलाफ रासुका, गैंगस्टर लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के टाइगर टूरिज्म के जरिए सेव टाइगर का संदेश देते हुए, विश्व विख्यात जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सुरक्षा गश्त कर्मियों के साथ पैदल गश्त की और उनका हौंसला बढ़ाया। सोशल मीडिया हिनफ्लुएंसर अंशुल सक्सेना से बातचीत करते हुए सीएम धामी ने टाइगर संरक्षण और सुरक्षा पर अपनी बेबाक राय रखी। बता दें कि अंशुल सक्सेना के एक्स पर 11 लाख से ज्यादा, 3लाख से अधिक इंस्टाग्राम और फेसबुक में 7 लाख से अधिक फालोवर्स हैं।
सवाल – उत्तराखंड को टाइगर्स की नर्सरी बोला जाता है आज इस घर की रखवाली करते हम, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को देख रहे हैं, सीएम अक्सर टाइगर देखने जंगल आते हैं पर मैंने टाइगर्स की रखवाली करते, उनके लिए चिंता करते, उनकी सुरक्षा के लिए गश्त करते, किसी सीएम को नहीं देखा ?
जवाब – (सीएम पुष्कर सिंह धामी) देखिए देश में टाइगर्स की संख्या के मामले में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है, यहां 540 से ज्यादा टाइगर हैं। इनकी सुरक्षा और संरक्षण की पहली जिम्मेदारी मेरी है क्योंकि मैं इस टाइगर स्टेट का पहला सेवक हूं, पहला रखवाला हूं। मेरे सैकड़ों फॉरेस्ट के सुरक्षाकर्मी टाइगर सेफ्टी के लिए दिन रात पहरा देते हैं कि पोचर कोई शिकारी यहां जंगलों में न घुस पाए, मेरा दायित्व बनता है कि मैं उनका हौंसला बढ़ाता रहूं।
सवाल – उत्तराखंड में इतने टाइगर कैसे हो गए ? और अब तो ये टाइगर रिजर्व से बाहर के जंगलों में भी दिखाई दे रहे हैं ?
जवाब – देखिए उत्तराखंड देवभूमि है देवी-देवताओं की भूमि है, अब आप कहेंगे कि आपने इसे धार्मिक स्वरूप दे दिया, लेकिन हकीकत है ये कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसके सभी 13 जिलों में टाइगर की मौजूदगी सीसीटीवी कैमरों में साक्ष्य के रूप में कैद हो रही है। हमारे पहाड़ों में शक्ति स्थल है मां पूर्णागिरी, मां गर्जिया, मां चंडी महाकाली, मां जयंती, मां बाराही देवी आदि भवानी मां के स्वरूप हैं और इन सभी शक्ति स्थलों के आसपास आपको शक्ति की सवारी टाइगर की मौजूदगी मिल जाएगी और ये बात आपको अविश्वसनीय लगे, लेकिन जो लोग मां दुर्गा के उपासक हैं इन शक्ति स्थलों पर विश्वास करते हैं उनके मुंह से आपको जवाब मिल जाएगा कि टाइगर कहां-कहां हैं और अब तो एनटीसीए के पास भी इसके साक्ष्य हैं, ये कोई हमारा फैलाया हुआ नेरेटिव नहीं है ये आस्था और विश्वास की बात है।
सवाल – उत्तराखंड में दो टाइगर रिजर्व हैं कॉर्बेट और राजा जी पार्क आसपास के जंगलों में भी टाइगर अब दिखाई दे रहे हैं और ये दायरा लगातार कैसे बढ़ रहा है ?
जवाब – देखिए टाइगर की अपनी-अपनी टेरिटरी होती है अपने-अपने इलाके होते हैं, जवान टाइगर, बूढ़े टाइगर को अपने इलाके से दूर धकेलता है। अब बूढ़ा बाघ कहीं तो जाएगा इसलिए वो टाइगर रिजर्व से बाहर के जंगलों में आ रहे हैं। कॉर्बेट पार्क से सटे हुए वेस्टर्न सर्कल में ही 216 टाइगर हो गए हैं। एक और बड़ी वजह आज मैं आपको बताता हूं वो ये कि हमने जंगल का दायरा बढ़ाना शुरू किया है पहले जंगलों में लीज पर खेती होती थी खेती की आड़ में शिकार होते थे, हमारी सरकार ने इस खेती को बन्द करवा दिया, नतीजा ये हुआ कि वहां फिर से घना जंगल बनने लगा, हमने टाइगर रिजर्व के भीतर रहने वाली वन गुज्जर की आबादी को बाहर किया, उन्हे जंगल से बाहर उनके रहने का इंतजाम किया, उससे भी टाइगर को प्रोटेक्शन मिला। जो टूरिस्ट कोर जोन के जंगल हैं वहां बरसात में बंद किए जाते हैं इससे भी टाइगर की संख्या बढ़ने लगी है।
सवाल – बाघों की सुरक्षा के लिए टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स कर्नाटक ने बना दी आप क्यों पीछे रह गए ?
जवाब – देखिए जंगल के राजा टाइगर को सुरक्षा देनी है तो पैदल गश्त जरूरी है हमारे ये फॉरेस्ट के सिपाही औसतन रोजाना करीब एक हजार किमी की गश्त करते हैं ये कोई मामूली बात नही है, आप इनके जीपीएस सिस्टम को चेक कर सकते हैं। हाथी भी गश्त पर निकलते हैं हाथी महावत उन टाइगर्स की निगरानी करते हैं, जिन्होंने शावक दिए हैं। हमारे सुरक्षा से जुड़े जो लोग हैं वो हाथी से, जीपों से, पैदल भी निगरानी करते हैं। आप देखिए टाइगर की सुरक्षा में सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बावजूद हमने ये तय किया है कि हम टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स भी बनाएंगे। इस बारे में एनटीसीए और हमारे वाइल्ड लाइफ वार्डन की बातचीत भी चल रही है। हम इसे जरूर बनाएंगे।
सवाल – पोचिंग को लेकर उत्तराखंड सरकार कितनी गंभीर है। ऐसी खबरें भी आई हैं कि टाइगर्स के शिकार उत्तराखंड में हुए हैं और उनकी स्किन, बॉडी पार्ट्स नेपाल के रास्ते चीन की मार्केट में बिकते हैं? पिछले दिनों टाइगर की खाल हाथी दांत भी अपराधियो से मिले हैं।
जवाब – ये विषय मेरे संज्ञान में आया है कुछ इनपुट्स मिले हैं, मैंने चीफ वार्डन वाइल्डलाइफ से कहा है कि जो खालें पकड़ी गई हैं उसके बारे में जांच पड़ताल की जाए कि ये कहां के टाइगर थे क्योंकि हमारे पास तो सभी के डेटा रिकार्ड्स हैं, वो इस बारे में पड़ताल कर रहे हैं, यदि वो टाइगर हमारे जंगलों के हैं तो यकीन जानिए दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम पोचिंग करने वालों पर, इसका धंधा करने वालों पर गैंगस्टर, एनएसए जैसे सख्त कानून लगाने में भी संकोच नहीं करेंगे। साथ ही हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहे हैं। पिछले दिनों देश के गृहमंत्री जब आए थे तो मैंने उनसे वन कर्मियों को सशस्त्र ट्रेनिंग दिए जाने का भी सुझाव दिया क्योंकि समय के साथ-साथ हमें जंगल की सुरक्षा करने के लिए अपग्रेड होना जरूरी है।
सवाल – बाघों के साथ मानव संघर्ष को रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं ?
जवाब – देखिए हमारे फॉर्सेटर्स टाइगर को लेकर जन जागरण अभियान चलाते रहे हैं इसमें लोगों को टाइगर के नेचर के बारे में बताया जाता है कि वो कब और क्यों इंसानों पर हमला करता है हम टाइगर रिजर्व और गांव की सीमा के बीच तारबाड़ लगा रहे हैं, ताकि टाइगर के घर में इंसान न जाए। हमारे कॉर्बेट डायरेक्टर इस पर अच्छा काम कर रहे हैं। टाइगर टेरिटरी के पास के गांवों में अंधेरा होगा तो टाइगर आएगा इसलिए हम सोलर लाइट्स लगवा रहे हैं। पीएम मोदी के विजन पर हमने वहां शौचालय बनवाए हैं, गैस कनेक्शन दिए हैं ताकि महिलाओं को जंगल की तरफ न जाना पड़े। कुछ एनजीओ भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं। ऐसे कई विषय हैं जोकि इंसान और टाइगर के बीच संघर्ष को रोकने का काम करते है।
सवाल – टाइगर रिजर्व में जंगलों में धार्मिक अतिक्रमण भी देखने को मिल रहा है इस पर पुष्कर धामी की कदमों की चर्चा भी है ?
जवाब – देखिए हमारे जंगलों में पर्यटक यहां टाइगर देखने आते हैं हमने ऐसे अतिक्रमण हटा दिए जो जमीन जिहाद के नाम पर कब्जे कर रहे थे। इस देवभूमि के जंगलों से ही ऐसे 501 अवैध अतिक्रमण धार्मिक चिन्ह हटाए गए हैं। हमारे जंगल सुरक्षित होंगे
सवाल – टाइगर टूरिज्म को कितना प्रोत्साहन सरकार दे रही है ?
जवाब – देखिए आपको जानकर हैरानी होगी हमारे 500 से ज्यादा टाइगर्स ने करीब 2 लाख लोगों को होटल में, गाइड्स की सेवा में जीप में, राशन पानी में, परिवहन में आदि न जाने कितने क्षेत्रों में रोजगार दिया हुआ है, हमारी मंशा है कि हम टाइगर टूरिज्म को और फैलाएं इसके लिए रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में एक गेट और पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। हमारी टाइगर जू बनाए जाने की योजना है। हम राजा जी टाइगर रिजर्व में टाइगर्स का कुनबा बढ़ा रहे हैं। हम टाइगर्स के इलाज के लिए हॉस्पिटल बनाने जा रहे हैं। ऐसे कई विषय है जिस पर हमने विचार किया है। मैंने वन विभाग को वाइल्ड लाइफ टीम को स्पष्ट कह दिया है कि जंगल के जरिए रोजगार पैदा करें और टाइगर टूरिज्म इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
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