अमेरिका ने एक ऐसा सनसनीखेज दावा किया है कि जिससे पहले से ही तनावग्रस्त विश्व में तनाव और बढ़ सकता है। यह दावा खुद व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की तरफ से किया गया है इसलिए इसके तथ्य के आसपास होने के पूरे आसार हैं। परिषद के प्रवक्ता ने प्रेस के सामने दावा करते हुए कहा है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने रूस को एक हजार कंटेनरों में भरकर हथियार भेजे हैं। उत्तर कोरिया ने अपने ‘वादे’ के अनुसार, ये हथियार संभवत: यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल के लिए भेजे हैं। किम पिछले महीने रूस गए थे जहां उनकी राष्ट्रपति पुतिन से बात हुई थी।
दुनिया जानती है कि रूस के यूक्रेन पर हमले लगातार जारी हैं और इनके हाल—फिलहाल में थमने के दूर दूर आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इन परिस्थितियों में बीच व्हाइट हाउस की सुरक्षा परिषद का दावा यह संकेत करता है कि युद्ध और लंबा खिंचने वाला है। सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने आगे यह भी खुलासा किया है कि उत्तर कोरिया ने रूस को जो कंटेनरों में भरकर सैन्य उपकरण तथा युद्ध में काम आने वाली चीजें भेजी हैं वे उत्तर कोरिया के तानाशाह और पुतिन की वार्ता के आधार पर ही भेजी गई हैं।
इस घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने आगे कहा कि अमेरिका मानता है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहता है इसीलिए तानाशाह किम जोंग भेजे गए हथियारों के बदले रूस की हथियार प्रोद्योगिकियां चाहते हैं। व्हाइट हाउस का कहना है कि गत 7 सितंबर को युद्धक सामाग्री तथा हथियारों से भरे कंटेनर उत्तर कोरिया के नाजिन पोर्ट से जहाज पर लादे गए थे, वे हथियार गत एक अक्तूबर को रूस के डूने पोर्ट पर पहुंच गए। जहाजों पर रूस के झंडे लगे थे। माना जाता है वे जहाज रूस द्वारा ही भेजे गए थे। पोर्ट से सारे कंटेनर रेलगाड़ी के माध्यम से रूस के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में पहुंचाए गए थे।
अमेरिका ने हथियारों की इस आमद की कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं जो कंटेनरों से लदे जहाज दिखाती हैं। इतना ही नहीं, अमेरिका पहले भी आरोप लगा चुका है कि उत्तर कोरिया रूस को गोला-बारूद और रॉकेट देकर उसके बदले परमाणु तकनीकें हासिल करना चाहता है। अमेरिका के अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि पुतिन और किम की बातचीत होने वाली है और वह पूर्वी रूस में व्लादिवोस्तोक शहर में होगी। और वैसा हुआ भी।
अपने इस दावे की पुष्टि के लिए अमेरिका ने हथियारों की इस आमद की कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं जो कंटेनरों से लदे जहाज दिखाती हैं। इतना ही नहीं, अमेरिका पहले भी आरोप लगा चुका है कि उत्तर कोरिया रूस को गोला-बारूद और रॉकेट देकर उसके बदले परमाणु तकनीकें हासिल करना चाहता है। अमेरिका के अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि पुतिन और किम की बातचीत होने वाली है और वह पूर्वी रूस में व्लादिवोस्तोक शहर में होगी। और वैसा हुआ भी। अपने इस सौदे को लेकर किम का रूस तक जाना बताता है कि उत्तर कोरिया इन तकनीकों को हासिल करने के लिए कितना उतावला है, क्योंकि किम देश से बाहर बहुत ही कम निकलते हैं।
उधर अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से उसके प्रवक्ता मैथ्यू मिलर भी प्रेस को बता चुके थे कि व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच हथियारों की खरीदफरोख्त में कमीशनखोर संस्थाओं पर अमेरिका की तरफ से पहले ही प्रतिबंध लगा दिए गए थे। बताया जा रहा है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो इस बारे में और आगे भी कार्रवाई हो सकती है। मैथ्यू के अनुसार, उत्तर कोरिया तथा रूस के बीच यह जो रक्षा सहयोग बढ़ रहा है, वह अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। उनके अनुसार, यह सब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पारित प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन हो सकता है।
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