प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पी-20 की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि आतंकवाद को लेकर अब दुनिया ने ये मानना शुरू कर दिया है कि आतंकवाद कहीं भी हो, किसी भी हिस्से में हो, पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा होता है। आतंकवाद का तरीका चाहे कुछ भी हो। ये पूरे विश्व के लिए खतरा होता है।
प्रधानमंत्री ने यूएन पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक आतंकवाद की परिभाषा भी तय नहीं हो सकी है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवाद से निपटने की हमारी परिभाषा भी अभी तक तय नहीं हो पाई है। खुद संयुक्त राष्ट्र में इसको लेकर एकमत नहीं हैं। इसी का फायदा आतंकवाद को पालने वाले उठा रहे हैं।
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अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने न तो हमास का नाम लिया और न ही इजरायल का जिक्र किया, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर इजरायल का समर्थन करते हुए उन्होंने जी-20 देशों के नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। पीएम मोदी ने भारत में 2001 में संसद पर हुए हमले का जिक्र किया और कहा कि भारत तो अपने संसद पर तक हमले झेल चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद हमले के दौरान आतंकियों पूरी संसद और व्यवस्था को खत्म करने की योजना बनाई थी।
गौरतलब है कि इजरायल पर फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हमले पर भारत सरकार ने किसी भी देश का पक्ष नहीं लेते हुए संतुलन की नीति अपनाई है।
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