हमास ने गत शनिवार को इस्राएल पर अचानक हमला बोलकर इस्राएल सहित दुनिया को हैरान भले कर दिया हो, लेकिन उसके बाद से इस्राएल का हर आम और खास हमास के दांत ही खट्टे करने की कसमें नहीं खा रहा है, बल्कि इस जिहादी संगठन को जड़ से मिटा देने की तैयारी दिख रही है। इस्राएल के प्रधानमंत्री ने कल अपने सार्वजनिक संदेश में फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास की तुलना आईएसआईएस से की और कहा कि इंसानी ताकतें जिस तरह जिहादी संगठन आईएसआईएस को छठी का दूध याद कराने के लिए साथ आई हैं, उसी तरह हमास को परास्त करने की कार्रवाई में हर एक देश को इस्राएल का साथ देना चाहिए।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलस्तीन के आतंकी संगठन हमास को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। नेतन्याहू का कहना है कि इस युद्ध की शुरुआत इस्राइल ने नहीं की है, लेकिन खत्म इसे इस्राएल ही करेगा। देश के नाम अपने विशेष वक्तव्य में उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि युद्ध हो। यह युद्ध तो अमानयवीय तरीके से इस्राएल पर थोप दिया गया है। पर हां, ये जरूर है कि हमने यह युद्ध शुरू तो नहीं किया है, लेकिन इसे खत्म तो हम ही करेंगे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें इसका मोल चुकाना ही होगा और वह ऐसा होगा कि आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।
आक्रोश में भरे लेकिन संतुलित भाव के साथ इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का कहना है कि जल्दी ही हमास को समझ आ जाएगा कि इस्राएल पर इस तरह से युद्ध थोपकर उसने एक बहुत बड़ी गलती कर दी है। इस हमले का मोल वसूला जाएगा और वह ऐसा होगा जो हमास सहित इस्राएल के बाकी शत्रुओं को आने वाले लंबे वक्त तक याद रहेगा।
नेत्यनाहू ने कहा कि हमास ने मासूम इस्राएलवासियों के साथ जो बर्बरता की है, उन पर हमले बोले हैं, वे आश्चर्य पैदा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि घरों में घुसकर परिवारों को जान से मार डालना, संगीत के अंतरराष्ट्रीय समारोह में घुसकर सैकड़ों युवाओं की जान लेना, बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों तथा वृद्धों की हत्याएं करना, उनको अगवा करना आदि निर्ममता की मिसाल है। हमास के जिहादियों ने छोटे बच्चों को बांधकर रखा, कइयों को जला दिया और मारा। हमास ने बर्बरता की हद लांघ दी है।
जिहादी हमास ने बड़ी संख्या में इस्राएल के सैन्य अधिकारियों सहित आम नागरिकों और छोटे बच्चों तक को बंधक बनाया है। उनके संदर्भ में नेत्यनाहू ने कहा कि हमास ने मासूम इस्राएलवासियों के साथ जो बर्बरता की है, उन पर हमले बोले हैं, वे आश्चर्य पैदा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि घरों में घुसकर परिवारों को जान से मार डालना, संगीत के अंतरराष्ट्रीय समारोह में घुसकर सैकड़ों युवाओं की जान लेना, बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों तथा वृद्धों की हत्याएं करना, उनको अगवा करना आदि निर्ममता की मिसाल है। हमास के जिहादियों ने छोटे बच्चों को बांधकर रखा, कइयों को जला दिया और मारा। हमास ने बर्बरता की हद लांघ दी है।
हमास की आईएसआईएस से तुलना करते हुए नेत्यनाहू ने विश्व के सभी देशों से अपील की कि फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के विरुद्ध लामबंद हों और उसे परास्त करने में हमारी मदद करें। उन्होंने याद दिलाया कि जैसे इंसानी ताकतें जिहादी आईएसआईएस को धूल चटाने के लिए साथ आई थीं, उसी तरह हमास को धूल चटाने में भी सभी देशों को इस्राएल के साथ कंधे से कंधा मिलाना चाहिए।
इस बीच इस्राएली प्रधानमंत्री से अमेरिका, ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देशों के नेताओं ने फोन पर बात करके अपनी संवेदना और समर्थन जताया है। अपने विशेष वक्तव्य में उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित विश्व के दूसरे नेताओं को उनकी ओर से दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि वे राष्ट्रपति बाइडन के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। इस्राएल की सुरक्षा के लिए अमेरिका के वचन देने को लेकर इस्राएल के सभी नागरिकों की ओर से बाइडेन को एक बार फिर धन्यवाद देता हूं। साथ ही, मैं विश्व के उन सभी नेताओं का आभार जताता हूं जो इस घड़ी में इस्राएल के साथ खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नेत्यनाहू ने यह भी कहा है कि हमास के विरुद्ध उनकी यह लड़ाई सिर्फ इस्राएल के लोगों के लिए नहीं है, बल्कि यह लड़ाई हर उस देश के लिए लड़ी जा रही है जो पाशविकता के विरुद्ध सामने आए हैं। यह युद्ध इस्राएल जीतकर रहेगा और इस्राएल की जीत के मायने होंगे पूरी सभ्य दुनिया की जीत।
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