नैनीताल। पर्यटन नगरी नैनीताल और आसपास की पहाड़ियों पर एक षड्यंत्र के तहत जनसंख्या असंतुलन के मामले सामने आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने वीरभट्टी ज्यूलीकोट के पास अवैध रूप से चल रहा मदरसा सील किया है। ऐसी जानकारी मिली है कि इसके आसपास की पहाड़ियों पर कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया है।
कैंट एरिया के आसपास आलू खेत में पिछले कुछ सालों में योजनाबद्ध तरीके से अवैध मजारें बना दी गईं। ये वह क्षेत्र है जहां नजदीक से हेलीपैड को रास्ता जाता है, यानि अतिसंवेदनशील इलाके में ये अवैध मजारें किस उद्देश्य से बनाई गईं और इन पर प्रशासन की नजर अभी तक क्यों नही गई? भवाली के श्यामखेत को सोशल मीडिया पर इस्लामखेत बताकर विवादास्पद चर्चा ऐसे ही नहीं मिली। यहां जनसंख्या असंतुलन की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
पिछले दिनों नैनीताल की शत्रु संपति, घोड़ा बस्ती और रामजे अस्पताल का अतिक्रमण हाईकोर्ट के निर्देश पर हटाया गया। इसके पीछे मूल कारण, पर्यटन नगरी नैनीताल का मूल स्वरूप बिगाड़ने का षड्यंत्र बताया जा रहा है। नैनीताल में मुस्लिम आबादी पिछले कुछ सालों से तेज़ी से बढ़ रही है। ये लोग कहां से आकर यहां बस गए ? इस बात को लेकर यहां पुराने रहने वाले मुस्लिम परिवार भी अचंभित हैं। इस आबादी ने जहां-तहां सरकारी जमीन पर टीन शेड झोपड़ियां डाल कर कब्जा कर लिया है।
नैनीताल की आसपास की पहाड़ियों में वन भूमि कैंट एरिया और भवाली में एयरफोर्स स्टेशन की जमीन के आसपास ये लोग अवैध रूप से काबिज हैं। बर्टेंडिन प्रशासन द्वारा सील किए गए मदरसे में संचालक मौलवी और उसके बेटे की गतिविधियां संदेहजनक रही हैं, ऐसा इनपुट जिला प्रशासन को मिला था तभी डीएम ने कारवाई की और जांच में आरोपों को सही पाया। खबर है कि इस मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया है और इस प्रकरण पर सारी रिपोर्ट तलब की है। मदरसे के आसपास की पहाड़ियों पर मुस्लिम आबादी अचानक कैसे बढ़ती गई? कैसे यहां मस्जिद बन गई कैसे यहां पर अवैध मजारें बन गईं इस पर भी सवाल उठ रहे हैं ? नैनीताल में हाई कोर्ट है और हाई कोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को पूरा करवाने की जिम्मेदारी है, जिसमें ये लिखा हुआ है कि 2009 के बाद बिना जिला अधिकारी के आदेश के कोई भी नया धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता और यदि कोई पुराने की मरम्मत भी करता है तो उसे भी जिला अधिकारी को मूल दस्तावेज दिखाकर अनुमति लेनी होगी। इस आदेश में ये भी लिखा हुआ है यदि को धार्मिक स्थल विकास मार्ग में बाधक है तो उसे जिला अधिकारी की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स कमेटी के द्वारा निर्णय लेकर हटाया जा सकता है। डीएम वंदना सिंह का कहना है कि मदरसे को जांच पड़ताल के बाद सील किया गया है। अभी इस मामले में और गहनता से जांच की जा रही है, अन्य अवैध निर्माण, धार्मिक चिन्हों के बारे में भी राजस्व, वन विभाग को जांच आख्या देने को कहा गया है।
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