चीनी फंडिंग के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े समाचार पोर्टल न्यूज क्लिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ जो एक्शन लिया है, उसके तहत उन पर कोरोना संकट के दौरान भारत सरकार की लड़ाई को बदनाम करने, चीनी कंपनी वीवो और शाओमी पर लगे आरोपों का बचाव करने और अरुणाचल प्रदेश व कश्मीर को भारत से अलग दिखाने की साजिश का आरोप है।
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पुलिस ने एफआईआर में न्यूज क्लिक पर ये आरोप लगाए गए हैं कि विदेशी ताकतों के द्वारा प्राप्त फंडिंग का निवेश करके देश की एकता-अखंडता और क्षेत्रीय सुरक्षा खतरे में डालने का इनका इरादा था। एफआईआर में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि पुलिस को सीक्रेट्स इनपुट्स मिले थे कि पुरकायस्थ औऱ नेविल रॉय सिंघम व उनकी शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कर्माचारियों ने ई मेल पर बातचीत की थी। इस बातचीत के दौरान इस बात को लेकर भी चर्चा हुई थी कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को किस तरह से भारत के हिस्से के तौर पर न दिखाया जाए। यहीं नहीं देश में किसान आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए भी फंडिंग की गई थी।
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दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि अप्रैल 2018 में पीपीके न्यूजक्लिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी और दूसरी कंपनियों से गैरकानूनी तरीके से करोड़ों रुपए हासिल किए गए थे। इन पैसों को नेविल रॉय सिंघम ने ट्रांसफर किए थे। अर्बन नक्सल गौतम नवलखा पीपीके न्यूजक्लिक प्राइवेट लिमिटेड के शेयर होल्डर हैं।
न्यूज क्लिक का बयान
हालाँकि, न्यूजक्लिक ने दिल्ली पुलिस के आरोंपों का खंडन किया है। समाचार का दावा है कि जो आरोप उस पर लगाए गए हैं, उनमें बीते तीन सालों में किसी भी तरह के आरोप पत्र या शिकायत दर्ज नहीं हुई। पोर्टल का कहना है कि उसे किसी भी तरह से विदेशी अवैध फंडिंग नहीं हुई।
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गौरतलब है कि प्रबीर पुरकायस्थ की चीनी फंडिंग मामले में गिरफ्तारी ऐसे ही नहीं हुई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की न्यूज में चीनी फंडिंग का खुलासा किया गया था। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले में बीते 45 दिन से नजर बनाए हुए थी, जिसके बाद ये एक्शन लिए गए हैं।
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