देश के पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम मंगल जिले की लोनाक झील के कुछ हिस्सों में ग्लेशियरों के पिघलने के कारण आई बाढ़ ने अब तक 14 जिंदगियों को निगल लिया है। प्राकृतिक आपदा के कारण तीस्ता नदीं में आई बाढ़ की चपेट में आए 23 जवानों में से 1 एक को बचा लिया गया है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बुधवार को अधिकारियों ने कहा कि बाकी के 22 जवानों की तलाश की जा रही है।
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गौरतलब है कि बुधवार को मंगल जिले में स्थित लोनाक झील के फटने के बाद पानी 15 मीटर प्रति सेकंड की तेजी के साथ आगे बढ़ा, जिससे तीस्ता नदी के निचले हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई। जिसमें 8 लोगों की मौत कल ही हो गई थी। फिलहाल 22 सैनिकों समेत कुल 102 लोग लापता हैं औऱ उनकी तलाश के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम ने सर्च ऑपरेशन चला रखा है। बाढ़ के कारण मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में भारी तबाही मची।
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अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ की चपेट में आने के कारण तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए हैं। गंगटोक के एसडीएम महेंद्र क्षेत्री के मुताबिक, मंगलवार को करीब डेढ़ बजे रात को आई इस बाढ़ ने कई जानें ली हैं। गोलिटार और सिंगताम से पाँच शवों को बरामद किया गया है।
बहरहाल केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की तीन टीमों को वहाँ पर राहत और बचाव कार्य में लगा रखा है। साथ ही एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को पटना और गुवाहाटी में स्टैंडबाई मोड पर रखा गया है। राहत और बचाव कार्य में थलसेना और वायुसेना भी जुटी हुई है। उधर बुधवार को राज्य के हालात को लेकर केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की आपात बैठक बुलाई गई और राज्य के हालातों की समीक्षा की गई। हालात पर केंद्र सरकार 24×7 नजर बनाए हुए है।
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