इराक से एक हैरान करने वाला समाचार आया है। इसके अनुसार कट्टरपंथी ईराक में सोशल मीडिया पर नूर के नाम से जानी—पहचानी जाने वाली नूर अलसफ़र को गोलियों से छलनी करके मार डाला गया है। 23 साल की नूर ज्यादातर अंग झलकाते कपड़ों और महिलाओं के साज—सिंगार से जुड़े वीडियो साझा किया करती थी। वह गीत—संगीत और नृत्य को भी बढ़ावा देती आ रही थी। समझा जाता है कि कट्टरपंथी तत्व उसकी इस ‘हरकत’ से नाराज थे।
यह घटना राजधानी बगदाद की है। मशहूर इराकी टिकटॉकर नूर की इस हत्या से आम लोग, विशेषकर सोशल मीडिया सक्रिय रहने वाले लोगों में एक दहशत का माहौल बन गया है। नूर की हत्या ऐसे वक्त में हुई है जब उस देश में समलैंगिक समुदाय के विरुद्ध भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
बगदाद में तीन दिन पहले हुई नूर की हत्या से उस देश में अनेक सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस जघन्य घटना के बारे में इराक के एक सुरक्षा अधिकारी ने एक अमेरिकी न्यूज चैनल को दी है। इस चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इराकी टिकटॉकर नूर अलसफ़र के इंस्टाग्राम तथा टिकटॉक पर कुल 3 लाख 70 हजार से ज्यादा ‘फॉलोअर्स’ थे और ये संख्या उसके कंटेंट को देखते हुए लगातार बढ़ रही थी।
नूर का कसूर शायद ये था कि वह सोशल मीडिया पर अधिकांशत: चुस्त कपड़ों तथा साज—सिंगार का प्रचार करते वीडियो पोस्ट किया करती थी। इतना ही नहीं तो, वह गीत संगीत और नृत्य दर्शाते वीडियो भी साझा करती थी। इराक की पुलिस इस घटना को एक अपराध से जुड़ी घटना बता रही है, इसे वह कट्टरपंथ से अलग रखकर देख रही है।
इराकी जनता में आधुनिक सोच वाले अनेक लोग नूर की हत्या पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। जबकि कुछ कट्टर सोच के लोगों ने हत्यारे की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘यह अच्छा हुआ’। इराक के उस सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, इस मामले की जांच तेजी से जारी है। नूर का शव परीक्षण के लिए भेजा गया है।
जैसा पहले बताया, नूर का कसूर शायद ये था कि वह सोशल मीडिया पर अधिकांशत: चुस्त कपड़ों तथा साज—सिंगार का प्रचार करते वीडियो पोस्ट किया करती थी। इतना ही नहीं तो, वह गीत संगीत और नृत्य दर्शाते वीडियो भी साझा करती थी। इराक की पुलिस इस घटना को एक अपराध से जुड़ी घटना बता रही है, इसे वह कट्टरपंथ से अलग रखकर देख रही है।
उल्लेखनीय है कि इस्लामी देश इराक में समलैंगिक समुदाय को तिरछी नजरों से देखा जाता है। उन्हें अपनी सोच जाहिर करने की छूट नहीं है। उन पर लगाम कसी जा रही है। इराक के कानून में जल्दी ही यह चीज अपराध की श्रेणी में गिनी जाने वाली है। प्रकट रूप में उस इस्लामी देश में समलैंगिक समुदाय पर फिलहाल कोई प्रतिबंध जैसा नहीं है। लेकिन कट्टर मजहबी तत्व इस चलन को पसंद नहीं करते। समलैंगिकों को किसी न किसी बहाने निशाने पर लेते रहने के अनेक उदाहरण भी देखने में आए हैं।
मारी गई टिकटॉकर नूर को अपनी एक ऑनलाइन प्रस्तुति में अपमानजनक व्यवहार झेलना पड़ा था, ‘यौन समस्याओं’ के नाम पर उससे उल्टे सीधे सवाल पूछे गए थे, जिनका उत्तर देना उसके लिए असहज हो रहा था। एक इराकी चैनल पर उसने आज से कोई तीन साल पहले एक साक्षात्कार में कहा था कि वह समलैंगिक नहीं है। मेरा ऐसा रुझान भी नहीं है। उसने कहा था कि वह तो सिर्फ एक ‘क्रॉस-ड्रेसर’ और एक मॉडल ही है। लेकिन मोटे तौर पर नूर को एक पुरुष मॉडल और साज-सिंगार के आर्टिस्ट के नाते जाना गया था।
नूर के अजीबोगरीब पहनावे को लेकर सोशल मीडिया पर उसे खुलेआम धमकियां दी गई थीं। नूर ने इस बारे में बताया भी था। इराक के ब्लॉगर समीर जर्मानी ने दो साल पहले उसका साक्षात्कार किया था, उसमें नूर ने कहा था कि उसे डर नहीं लगता, बस वह होशियार रहती है।
इराक के कुछ मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि इराक में इधर कुछ महीनों से समलैंगिकों से मारपीट तथा भेदभाव किए जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले दिनों जब यूरोप के देशों, स्वीडन तथा डेनमार्क में कुरान जलाने की घटनाएं हुई थीं तब उसकी प्रतिक्रिया में इराक के अनेक शिया गुटों ने समलैंगिक समुदाय के प्रतीक बहुरंगी झंडे जलाते हुए विरोध प्रदर्शन किए थे।
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