देहरादून। उत्तराखंड की हिमाचल-यूपी सीमा पर पछुवा देहरादून इलाके में मुस्लिम सेवा संगठन के जरिए राजनीतिक वर्चस्व बना रहे गैंगस्टर राशिद पहलवान को नैनीताल हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। जेल से रिहा होने के बाद राशिद पहलवान को उसके सैकड़ों समर्थक बाइक रैली निकालकर घर तक लाए। जुलूस के दौरान बाइक सवार समर्थकों ने पूरे पछुवा देहरादून में हंगामा और मजहबी नारेबाजी की।
राशिद पहलवान और उसके समर्थकों पर 14 जुलाई के दिन शिवभक्त कांवड़ियों पर पथराव करने का आरोप था। उस पर करीब आधा दर्जन अन्य मामले भी दर्ज किए गए थे। राशिद के अलावा उसके भाई जावेद और अबरार पर भी गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। जावेद और अबरार की अग्रिम जमानत हो गई थी और पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था।
राशिद पहलवान पर अपहरण, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने,लोगो को डराने धमकाने, मारपीट करने सरकारी जमीन पर कब्जे करवाने जैसे आठ मामले दर्ज है। देहरादून पुलिस ने, कांवडियो पर हमला करने के आरोप लगाने के दौरान राशिद और उसके भाई जावेद की पहली बार हिस्ट्रीशीट खोली थी। राशिद पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुका है और राजनीतिक दलों में बड़े बड़े नेताओं के संरक्षण में अपनी राजनीति करता रहा है।
उधर हिंदू संगठनों ने राशिद की रिहाई के बाद हुए हंगामे पर रोष प्रकट करते हुए कहा है कि पुलिस प्रशासन के लचर बर्ताव से ही ऐसे हालात पैदा होते है और राशिद जैसे कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं का हौसला बुलंद होता है।
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