भारत और अमेरिका की बढ़ती नजदीकियां पाकिस्तान के नेताओं को हजम नहीं हो रही हैं। इसे लेकर वे अनर्गल प्रलाप किए जा रहे हैं। वे हैरत में हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू अमेरिका ही नहीं, अनेक पश्चिमी और अफ्रीकी देशों के सिर चढ़कर कैसे बोल रहा है। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक तो सच में बौखलाए हुए हैं।
भारत पर उंगली उठाते हुए प्रधानमंत्री अनवारुल ने अमेरिका को लेकर छोटा मुंह बड़ी बात की है। अनवारुल का कहना है कि अमेरिका भारत के साथ अपने आर्थिक तथा रणनीतिक लाभ को देखते हुए नजदीकियां बढ़ा रहा है। यही नहीं, इसी कारण अमेरिका के साथ ही, पश्चिम के कुछ देश भी यही कर रहे हैं।
इसमें संदेह नहीं है कि आज भारत और भारत के प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा दुनिया का हर देश कर रहा है। वैश्विक लोकप्रियता में भी मोदी सब नेताओं से बहुत आगे हैं। इसलिए अमेरिका ही क्यों, पश्चिम के अनेक देश भारत से दोस्ती बढ़ाने को बेचैन हैं। इसमें कुछ हैरानी की बात नहीं है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अनवारुल को यह बात हजम नहीं हो रही है।
यही वजह है कि अमेरिका के दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने वहां भारत को लेकर अपने दिल का गुबार निकाला है। कल उन्होंने कहा कि पश्चिम के देश भारत के ‘राइटविंग’ नेतृत्व की सचाई नहीं देख पा रहे हैं।
देश कैसे चलता है, इस बारे में अनभिज्ञ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भारत की उस सरकार पर छींटाकशी करने की जुर्रत कर रहे हैं जिसकी रीति—नीतियों की आज दुनिया तारीफ कर रही है। असल में अनवारुल ने यह बयान मौके का ‘लाभ’ उठाने की गरज से भी दिया है। कनाडा को लेकर भारत में उपज रहे आक्रोश के माहौल में उन्होंने प्रधानमंत्री त्रूदो के भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने का ही पक्ष लिया। वैसे, इसमें कोई आश्चर्य की बात इसलिए नहीं है क्योंकि झूठ बोलने में पाकिस्तान दुनिया में अव्वल माना ही जाता है। जबकि सचाई यह है कि गुप्तचर एजेंसियों को खालिस्तानी तत्वों के पाकिस्तानी आईएसआई से संचालित होने के साक्ष्य मिले हैं।
कनाडा के संदर्भ में यह खुलासा भी हुआ है कि पाकिस्तान के नेताओं की मंशा है, खालिस्तानी तत्व पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे को कनाडा और भारत में हवा देते रहें। इसके बदले में खालिस्तानी पाकिस्तान से मोटा पैसा वसूल रहे हैं।
पाकिस्तान तो खुद पिछले अनेक वर्ष से खालिस्तान के आतंकवादियों को अपने यहां शरण दिए हुए है, वह ही पंजाब व विदेशों में खालिस्तानी आंदोलन को खाद—पानी उपलब्ध करा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कश्मीर पर अपना घिसा—पिटा राग अलापना भी नहीं भूले। उन्होंने भारत पर ही आरोप लगाया कि वे संबंध सुधारना चाहते हैं लेकिन पड़ोसी भारत इस पर गंभीर नहीं है। जबकि भारत ने एक नहीं, अनेक अवसरों पर कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को काबू नहीं करेगा, उससे कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
पड़ोसी इस्लामी देश के प्रधानमंत्री का कहना है कि पश्चिम के देश आर्थिक तथा रणनीतिक वजहों से भारत की ‘असलियत’ को अनदेखा कर रहे हैं। खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के मामले में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हिंदुत्व को उछाल दिया। संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होने अमेरिका आए पाकिस्तानी नेता का कहना है कि ‘आर्थिक तथा रणनीतिक वजहों से पश्चिमी देशों ने निज्जर की हत्या से जुड़े तथ्यों को अनदेखा किया है।’
अनवारुल को दर्द है कि अमेरिका सहित दुनिया के अनेक देशों के लिए यह चिंता की बात है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को साफ तौर पर इस बात का मलाल है कि अमेरिका के आगे उनकी दाल नहीं गल रही है। अमेरिका उन्हें देखने तक हो राजी नहीं है। अमेरिका के भारत के निकट आते जाने के पीछे चीन से उसकी बढ़ती खटपट भी एक बड़ी वजह है।
भारत में हाल ही में जी20 के अत्यधिक सफल आयोजन से भी पाकिस्तानी जले—भुने बैठे हैं। भारत जहां दुनिया में नीतियों का रुख तय करने वाला देश बना है तो वहीं पाकिस्तानी नेता कटोरा हाथ में लिए देश देश भीख मांगते फिर रहे हैं। चंद्रयान3 मिशन ने भी भारत को दुनिया में सिरमौर बना दिया था। यही वजह है कि पाकिस्तानी नेता भारत विरोधी दुष्प्रचार में तेजी से सक्रिय हैं। लेकिन संतोष की बात है कि आज दुनिया का शायद ही कोई देश पाकिस्तान की बात का यकीन करता है।
पाकिस्तान तो खुद पिछले अनेक वर्ष से खालिस्तान के आतंकवादियों को अपने यहां शरण दिए हुए है, वह ही पंजाब व विदेशों में खालिस्तानी आंदोलन को खाद—पानी उपलब्ध करा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कश्मीर पर अपना घिसा—पिटा राग अलापना भी नहीं भूले। उन्होंने भारत पर ही आरोप लगाया कि वे संबंध सुधारना चाहते हैं लेकिन पड़ोसी भारत इस पर गंभीर नहीं है। जबकि भारत ने एक नहीं, अनेक अवसरों पर कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को काबू नहीं करेगा, उससे कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
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