नई दिल्ली। सनातन धर्म की डेंगू, मलेरिया से तुलना करने और सनातन को खत्म करने की बात कहने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की हर तरफ निंदा हुई है। सनातन धर्म पर विवादित बयान देने के मामले में डीएमके के दो नेताओं उदयनिधि स्टालिन और ए राजा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार, उदयनिधि स्टालिन, ए राजा और सीबीआई को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने इन याचिकाओं को हेट स्पीच वाले मामले के साथ टैग करने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। एक याचिका उत्तर प्रदेश के बदायूं निवासी हिमांशु कुमार ने दाखिल की है। दूसरी याचिका चेन्नई के वकील बी जगन्नाथ और तीसरी याचिका दिल्ली के वकील नवीन जिंदल ने दायर की है। बी जगन्नाथ की याचिका में मांग की गई है कि सनातन के खिलाफ कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए। इन नेताओं की सीमा पार से फंडिंग की जांच हो।
नवीन जिंदल की याचिका में दिल्ली पुलिस और तमिलनाडु पुलिस के खिलाफ हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्यवाही चलाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि अपने बयान में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी।
उदयनिधि स्टालिन के 5 सितंबर को सनातन धर्म पर दिए विवादास्पद बयान को लेकर देश के 262 प्रबुद्ध जनों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस हेट स्पीच पर स्वतः संज्ञान लेकर उदयनिधि के खिलाफ़ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करे।
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