केंद्र सरकार द्वारा लाया गया ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ यानि महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ है। लोकसभा में पर्ची के जरिए वोटिंग हुई। नई संसद के निचले सदन से पारित होने वाला यह पहला विधेयक है।
महिला आरक्षण लागू होने के बाद लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। महिला आरक्षण फिलहाल 15 साल के लिए लागू होगा, जो संसद की मंजूरी के बाद बढ़ सकता है। इस विधेयक को विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया था।
बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी सहित 60 सदस्यों ने हिस्सा लिया। विधेयक पर केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने रानी दुर्गावती, रानी चेन्नम्मा, रानी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मी जैसी असंख्य वीरांगनाओं का उल्लेख किया।
वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीन स्वरूप हैं देवियों के है। मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं, सरस्वती विद्या औऱ मां लक्ष्मी वैभव का स्वरूप हैं। इन तीनों स्वरूपों ने हमारे पुर्खों ने मां की ही कल्पना की है।
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