विकास नगर (देहरादून)। “पाञ्चजन्य” ने पछुवा देहरादून क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और उन्हें खुर्दबुर्द करने की खबरें पिछले दिनों प्रकाशित की थीं। देहरादून प्रशासन ने इस मामले में संज्ञान लिया है। सख्त कारवाई करते हुए बेशकीमती 15 बीघा जमीन से अवैध कब्जा हटा दिया गया है। प्रशासन ने यह जमीन अपने कब्जे में ले ली है।
देहरादून जिले में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया। यहां दो तहसील क्षेत्रों में 15 बीघा सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया, साथ ही नाले पर बन रही दुकानें भी गिरा दी गईं। सदर तहसील क्षेत्र में 3 और तहसील विकासनगर अंतर्गत 1 स्थान पर सरकारी भूमि पर से अवैध कब्जा हटाया गया। ग्राम डांडा नूरीवाला के लोगों ने प्रशासन से शिकायत की थी कि असगर निवासी डांडा लखौण्ड सरकारी जमीन कब्जा कर इसे मोटे दाम पर बेच रहा है। सरकारी जमीन की प्लॉटिंग कर दी गई है। शिकायत मिलने पर एसडीएम ने जांच कराई। शिकायत सही पाई गई। मौजा डांडा नूरीवाला के खसरा नंबर 44 पर अवैध रूप से टिनशेड भवन बनाकर अतिक्रमण किया गया था। जिसे नगर निगम ने जेसीबी की मदद से ध्वस्त कराया। कुल मिलाकर 15 बीघा सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई गई।
इसके अलावा विशाल सिद्ध आदि द्वारा कब्जाई गई 10 बीघा सरकारी भूमि को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। सरकारी भूमि को अपनी भूमि बताकर बेचने के कारण असगर और फिरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। डांडा लखौंड में 5 बीघा जमीन से अवैध कब्जा हटवाया गया। विकासनगर क्षेत्र में ग्राम भगवन्तपुर में नाले की जमीन पर पुश्ता लगाकर कब्जा किया जा रहा था। यहां 5 दुकानें बनाई जा रही थीं, जिन्हें अतिक्रमण विरोधी टीम ने ध्वस्त कर दिया।
जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ नगर निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम भारी पुलिस बल के साथ कार्रवाई कर रही है। सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटवाकर वहां नगर निगम के स्वामित्व की भूमि होने का बोर्ड लगाया गया है। बता दें कि डीएम के निर्देश पर राजस्व और सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए गए थे।
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