मुजफ्फरनगर। नजराना कांड की तरह मुजफ्फरनगर में एक और मुस्लिम महिला को ससुराल में अमानवीय जुल्म का शिकार बनाया गया।रिश्तों को कलंकित करते हुए ससुर ने गर्भवती बहू का रेप किया। पीड़िता ने जब यह बात अपने शौहर को बताई तो उससे कहा गया कि अब तू अम्मी जान बन गई है। विरोध पर उसे पीटकर घर से निकाल दिया गया। पुलिस ने शिकायत पर ससुर और शौहर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, गर्भवती बहू के साथ हैवानियत का सनसनीखेज मामला मुजफ्फरनगर में थाना ककरोली इलाके में सामने आया है। पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि उसका निकाह एक साल पहले मीरापुर थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर में एक युवक के साथ हुआ था। ससुराल पहुंचने के बाद से ही ससुर उस पर बुरी नजर रखने लगा था। इसकी शिकायत उसने कई बार शौहर से की मगर बात सुनने की जगह उल्टा उसको ही डांटकर चुप कर दिया गया।
पीड़िता के मुताबिक, एक दिन शौहर अपनी अम्मी को हकीम से दवा दिलाने गया था। घर में अकेला पाकर ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया और किसी से शिकायत करने पर उसको ठिकाने लगाने की धमकी दी। पति घर लौटा तो उसने शौहर व सास को ससुर की हैवानियत के बारे में बताया। सहायता करने की जगह शौहर व सास ने उल्टा उसको गंदा बोला। शौहर ने उसे यह कहकर घर से निकाल दिया कि अब मेरे अब्बू की बेगम और मेरी अम्मी जान बन गई हो, इसलिए साथ नहीं रख सकता। यह कहकर उसको मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया गया।
ससुर की हैवानियत और शौहर के बर्बर रवैये से महिला इतनी टूट गई कि उसने पिता के यहां जाकर भी किसी को कुछ नहीं बताया। शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न से वह गुमसुम रहने लगी। किसी तरह हिम्मत दिखाकर उसने मायकेवालों को जुल्म के बारे में बताया। जिसके बाद उसे पुलिस के पास ले जाया गया। थाना प्रभारी मीरापुर रविन्द्र यादव ने मीडिया को बताया कि गर्भवती बहू से रेप और मारपीट के मामले में ससुर व शौहर के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुजफ्फरनगर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ
मुजफ्फरनगर में ऐसी घटनाएं पहली भी सामने आती रही हैं। 2005 में ससुर ने नजराना(बदला हुआ नामके साथ रेप किया था। इमराना ने शिकायत की तो उसे हत्या की धमकी देकर शांत रहने को कहा गया था। इसके बाद मामला मुस्लिम पंचायत में पहुंचा। पंचायत ने फरमान जारी किया था कि रेप के बाद नजरना पति को बेटा माने। पंचायत ने उसके निकाह खारिज होने की बात कही थी। पीड़िता नजराना ने पंचायत के आदेश को नहीं माना और शौहर के साथ रहना जारी रखा। बाद में हिम्मत दिखाकर उसने पुलिस में केस दर्ज कराया था। मुकदमा स्थानीय अदालत में मामला चला। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने ससुर को दोषी पाया था और उसे सजा सुनाई थी। बाद में हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा था।
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