बेटियों से हैवानियत का हाल यह हो गया है कि दुष्कर्म के बाद वीभत्स तरीके से बेटियों की हत्या हो रही है, उन्हें जीवित ही भट्टी में झोंका जा रहा है, कुएं में फेंका जा रहा, निर्वस्त्र किया जा रहा है परंतु सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही।
राजस्थान में बेटियों से हैवानियत का हाल यह हो गया है कि दुष्कर्म के बाद वीभत्स तरीके से बेटियों की हत्या हो रही है, उन्हें जीवित ही भट्टी में झोंका जा रहा है, कुएं में फेंका जा रहा, निर्वस्त्र किया जा रहा है परंतु सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। इन बेटियों के लिए कांग्रेस का प्रथम परिवार मुंह तक खोलने से परहेज करता है
राजस्थान में महिला उत्पीड़न और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाएं पन्ना धाय, मीरा, कर्मवती और कालीबाई की धरती को कलंकित कर रही हैं। एक के बाद एक लोमहर्षक घटनाओं ने वीरभूमि को शर्मसार किया है। अपराधियों में पुलिस का डर खत्म हो चुका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही गृह विभाग है, ऐसे में वे विपक्ष के सीधे निशाने पर हैं। भीलवाड़ा में दुष्कर्म के बाद नाबालिग को जिंदा ही कोयला भट्टी में झोंक दिया गया। सवाईमाधोपुर में दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या कर शव कुएं में फेंका गया। प्रतापगढ़ जिले में 21 वर्षीय विवाहिता को उसके ही ससुराल वालों ने निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया। ऐसी अनेक वीभत्स घटनाएं प्रदेश में घटित हो रही हैं कांग्रेस ने मणिपुर की घटना को लेकर आंदोलन चलाया, लेकिन जब वैसी ही घटना राजस्थान में हुई तो कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध ली।
डीडवाना-कुचामन जिले के कुचामन थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति के तीन युवकों को गाड़ी से रौंदा गया, इनमें दो की मौत हो गयी।
राज्य में महिला उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर गहलोत सरकार में राज्य मंत्री रहे विधायक राजेन्द्र गुढ़ा ने विधानसभा में अपनी ही सरकार को आइना दिखाया था। उन्होंने कहा था ‘मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, क्योंकि राजस्थान में हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गये। राजस्थान आज महिलाओं से दुष्कर्म में नंबर वन पर आ गया।’ हालांकि महिला सुरक्षा को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने वाले गुढ़ा को कुछ ही घंटों में अपने पद से बर्खास्त होना पड़ा था।
सवाई माधोपुर में दुष्कर्म के बाद नाबालिग की हत्या
सवाई माधोपुर में एक नाबालिग से दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आया था। बालिका का शव 10 अगस्त को कुएं में मिला था। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 16 साल की नाबालिग 8 अगस्त से घर से लापता थी। सवाई माधोपुर के बौंली थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या का केस दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार नाबालिग के पिता ने उसके स्कूल शिक्षक रामरतन मीणा के खिलाफ अपहरण की शिकायत दर्ज करायी थी।
भीलवाड़ा में सामूहिक बलात्कार के बाद नाबालिग को जिंदा जलाया
देश को झकझोर देने वाली घटना भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र में भी हुई थी। हालांकि पुलिस ने एक माह में आरोपियों के खिलाफ में आरोप पत्र पेश कर दिया।
कोटड़ी सीओ श्याम सुंदर विश्नोई के अनुसार गांव के बाहर खाली जमीन किराये पर लेकर कुछ लोग कोयला बनाने का काम करते थे। इन्हीं में से दो भाइयों ने नाबालिग के साथ गैंगरेप कर, जिंदा जला दिया। पुलिस ने गैंगरेप व हत्याकांड मामले में तीन महिलाओं सहित नौ आरोपियों गिरफ्तार किया। मामले में हिरासत में लिये गये दो नाबालिगों को बाल सुधार गृह में रखा गया है।
पुलिस की ओर से 2 सितम्बर को न्यायालय में पेश 457 पेज के आरोप पत्र में कई दिल दहला देने वाले तथ्य सामने आये। मामले के मुख्य किरदार कालू और कान्हा कालबेलिया हैं। अपराध की शुरूआत कालू ने की थी। इसके बाद कान्हा भी इसमें शामिल हो गया। आरोप पत्र के अनुसार नाबालिग दो अगस्त की सुबह 9 बजे अपने मवेशी लेकर अकेली खेत पर आ गयी थी।
वहां कालू काम कर रहा था। इसी दौरान नाबालिग लड़की का पिता खेत पर आया और कालू को छाछ की बोतल देकर स्वयं के बाहर जाने की बात कही और बेटी का ध्यान रखने के लिए कहा। कालू ने खेत पर नाबालिग को अकेला देख धोखे से अपने पास बुलाया और रेप किया। पास ही बनी कोयला भट्टी पर कान्हा काम कर रहा था।
नाबालिग के चीखने की आवाज सुनकर कान्हा उनके पास गया। माजरा देख कान्हा ने भी उसके साथ रेप किया। रेप के बाद नाबालिग भागने लगी तो आरोपी उसे दोबारा पकड़ लाये और तीन बार दुष्कर्म किया। नाबालिग ने अपने पिता व भाई को इस बारे में बताने की धमकी दी। इस पर कालू ने नाबालिग के सिर पर लाठी से वार किया जिससे नाबालिग वहीं तड़पते हुए बेहोश हो गयी।
आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए उसे जिंदा ही कोयला बनाने वाली भट्टी में मुंह के बल झोंक दिया। शरीर जल्दी से जल जाए, इसके लिए भट्टी में कोयला और काला आयल डालकर आग लगायी। कुछ घंटे बाद भट्टी में पानी डालकर देखा कि लाश जली या नहीं। अधजली लाश दिखी तो उसे निकालकर फावड़े से छोटे- छोटे टुकड़े किये। इन्हें प्लास्टिक के कट्टे में भरकर पास ही फेंक दिया।
नाबालिग लड़की की आवाज सुनकर कालू की पत्नी लाड कालबेलिया व कान्हा की नाबालिग पत्नी भी मौके पर पहुंच गयी थी। दोनों महिलाओं ने नाबालिग को जिंदा जलाने में कालू का सहयोग किया। वहीं, कान्हा नाबालिग के मवेशियों को उसके घर पर छोड़कर आ गया। वारदात के बाद कालू, कान्हा और उनकी पत्नियां घबरा गयी थीं। कालू ने अपने साले पप्पू व संजय को यह बात बताई। इस पर वे दोनों भी भट्टी के पास पहुंच गये।
इधर, संजय ने अपने पिता प्रभु कालबेलिया, मां गीता कालबेलिया व नाबालिग बहन को घटना बतायी। इसके बाद वे सब भी मौके पर पहुंच गये। इस तरह ससुराल पक्ष ने भी आरोपियों का साथ दिया। जघन्य अपराध करने के बाद भी किसी के चेहरे पर डर नहीं था। जब गांव वाले नाबालिग को ढूंढते हुए खेत पर पहुंचे तो ये सब लोग अनजान बन गये। लेकिन शक होने के कारण ग्रामीणों ने तीन आरोपियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामले में 48 गवाह बनाये हैं।
प्रदेश सरकार में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने तो विधानसभा में महिला गरिमा के विपरीत चौंकाने वाला बयान दिया था। उन्होंने कहा था ‘राजस्थान रेप के मामलों में देश में नंबर एक पर है, इसमें कोई दो राय नहीं है, रेप के मामले में नंबर वन क्यों है, कहीं न कहीं गलती है। वैसे भी राजस्थान मर्दों का प्रदेश रहा है।’ अपने जवाब के दौरान धारीवाल ने हंसते हुए अपशब्दों का प्रयोग भी किया। धारीवाल के बयान का जमकर विरोध हुआ था।
भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहते हैं- ‘मणिपुर की घटना पर कांग्रेस ने हाय-तौबा मचा दी थी। राहुल गांधी मणिपुर पहुंच गये थे। वे यहां आकर क्यों नहीं देखते? यहां गहलोत सरकार मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। लड़की हूं…लड़ सकती हूं…का नारा देने वाली प्रियंका गांधी को नजर नहीं आया कि हमारे जनजातीय समाज की बेटी को नग्न करके पूरे गांव में घुमाया गया, मणिपुर की घटना पर हल्ला मचाने वाला आई.एन.डी.आई.ए. अब कहीं नजर नहीं आ रहा है।’
राजस्थान में बढ़ते अपराधों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी गहलोत सरकार पर हमला बोला। सवाईमाधोपुर की सभा में उन्होंने कहा- ‘राजस्थान में हर दिन महिलाओं का अपमान हो रहा है और अशोक गहलोत की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। अलवर, भीलवाड़ा, बाड़मेर, चूरू, सब जगह जघन्य अपराध, नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। कहीं बलात्कार कर जला देना, कहीं भट्ठियों में झोंक देना, कहीं एसिड डाल कर जला देना, कहीं एसिड डालकर कुएं फेंक देना। महिला उत्पीड़न में राजस्थान नंबर एक पर है। पिछले 54 महीनों में राजस्थान में लगभग 10 लाख केस दर्ज हुए हैं। प्रतिदिन राजस्थान में ऐसे औसतन 19 मामले आ रहे हैं। बलात्कार के लगभग 22 प्रतिशत मामले अकेले राजस्थान में हो रहे हैं।’ अगस्त माह में ही मानवता को लज्जित करने वाली घटनाएं प्रतापगढ़, भीलवाड़ा और सवाईमाधोपुर जिलों में हुई हैं।
… और तमाशबीन वीडियो बनाते रहे
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद थाना क्षेत्र के पहाड़ा ग्राम पंचायत में एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना ने एक बार फिर प्रदेश को शर्मसार किया। पीड़िता के पति ने ही गांव वालों के सामने महिला के जबरन कपड़े उतारे। इसके बाद पीटते हुए गांव में घुमाया। महिला चीखती रही, गिड़गिड़ाती रही, छोड़ने की गुहार लगाती रही। तमाशबीन लोग वीडियो बनाते रहे लेकिन बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया। घटना 31 अगस्त की है। एक सितंबर को वीडियो वायरल होने के बाद मामला उजागर हुआ।
ग्रामीणों के अनुसार महिला का विवाह धरियावद उपखंड के पहाड़ा ग्राम पंचायत के नीचला कोटा गांव में करीब डेढ़ साल पहले हुआ था। घटना से पहले विवाहिता इसी ग्राम पंचायत के ऊपला कोटा गांव में एक अन्य युवक के साथ चली गयी। इस बात से नाराज महिला का पति उसे जबरन अपने गांव लेकर आया और निर्वस्त्र घुमाने की घटना को अंजाम दिया। दोनों गांवों के बीच मात्र ढाई किलोमीटर की दूरी है। पीड़िता का पीहर भी पहाड़ा पंचायत में ही है।
‘मणिपुर की घटना पर कांग्रेस ने हाय-तौबा मचा दी थी। राहुल गांधी मणिपुर पहुंच गये थे। वे यहां आकर क्यों नहीं देखते? यहां गहलोत सरकार मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। लड़की हूं…लड़ सकती हूं…का नारा देने वाली प्रियंका गांधी को नजर नहीं आया कि हमारे जनजातीय समाज की बेटी को नग्न करके पूरे गांव में घुमाया गया, मणिपुर की घटना पर हल्ला मचाने वाला आई.एन.डी.आई.ए. अब कहीं नजर नहीं आ रहा है।’
घटना ‘नो इंटरनेट जोन’ में हुई, इसलिए घटना का वीडियो करीब 24 घंटे बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और आरोपियों की धरकपड़ शुरू की। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के अनुसार मामले में महिला के पति समेत दस लोगों की गिरफ्तरी हो चुकी है। वहीं एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
घटना पर हंगामा मचने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धरियावद पहुंचे और पीड़िता से बात की। इस दौरान पीड़िता के माता-पिता भी साथ थे। मुख्यमंत्री ने पीड़िता को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने मुआवजे को नाकाफी बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय बेटी के पैकेज में भेदभाव ना करे। थानागाजी गैंगरेप की तर्ज पर पीड़िता को मुआवजा, नौकरी और मकान दे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में मामले में प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद जांच की स्थिति और अपराधियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी देने को भी कहा गया है। आयोग ने कहा कि वह महिला की स्वास्थ्य स्थिति के साथ-साथ इस बारे में भी जानना चाहता है कि प्रशासन ने उसे कोई मुआवजा दिया है या नहीं। इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले में संज्ञान लेते हुए इस घटना की निंदा की है। आगे जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।
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