वाराणसी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को यूपी के कई जिलों में एकसाथ छापेमारी की थी। वाराणसी में एनआईए की टीम ने महामनापुरी कॉलोनी में भगत सिंह छात्र मोर्चा की बीएचयू इकाई की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद और सिद्धि के किराए के घर पर छापा मारा था। करीब 7 घंटे तक चली पूछताछ के बाद एनआईए की टीम दोनों का मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर वापस लौट गई। दोनों छात्राओं पर प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) को पुनर्जीवित करने का आरोप लगा है। एएनआई की टीम इनके मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट हुए कई राज को खोजने में लगी है।
महामनापुरी कॉलोनी में मिथिलेश्वर प्रसाद के तीन मंजिला मकान की तीसरी मंजिल पर बीएचयू की छात्राएं झारखंड के गिरिडीह की आकांक्षा, बनारस के चौकाघाट के संजय अपार्टमेंट की सिद्धि और साउथ दिल्ली की इप्शिता अग्रवाल रहती हैं। तीनों का जुड़ाव भगत सिंह छात्र मोर्चा से है। इप्शिता फिलहाल दिल्ली घर गई हुई है।
कई फ्रंटल संगठनों और छात्र गुटों को भारत सरकार के विरुद्ध अंदरूनी युद्ध छेड़ने की तैयारी को कहा गया था। कैडरों को भर्ती कर प्रेरित करने का जिम्मा सौंपा गया था। साथ ही माओवादी के विचारधारा को आगे बढ़ाने का मकसद भी जुड़ा था। एनआईए को जांच में इससे जुड़े अहम तथ्य मिले हैं। वाराणसी, आजमगढ़, चंदौली, देवरिया और प्रयागराज में एनआईए की टीम ने एक साथ छापा मारा था। आठ संदिग्ध स्थानों पर कार्रवाई के दौरान नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, चंदे की रशीद, सिम कार्ड समेत कई आपत्तिजनक सामग्री मिली थी।
दस्तावेजों के अलावा मोबाइल फोन, लैपटॉप, पैन ड्राइव, मेमोरी कार्ड समेत कई डिजिटल उपकरण टीम ने जब्त किए हैं। एनआईए टीम को जांच में यह पता चला है कि बिहार में गिरफ्तार प्रमोद मिश्रा माओवादी संगठन को जिंदा करने के प्रयास में तमाम वर्कर्स का नेतृत्व कर रहा था। बिहार में रोहित की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य संदिग्धों को भी पकड़ा गया। बीते महीनों में कई स्थानों से बंदूकें, कारतूस, गोला – बारुद भी बरामद किया गया था। एनआईए की टीम जब्त किए गए मोबाइल और लैपटॉप से तमाम राज इकठ्ठा करने में लगी है। साथ ही डिलीट किए गए सामग्री को रिकवर करने का भी प्रयास कर रही है।
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