पाकिस्तान में मुफ्ती हनीफ कुरैशी पर बेअदबी को लेकर एफआईआर दर्ज हो गयी है और अब लोग कह रहे हैं कि यही “कर्मा” का सिद्धांत है! कर्म दरअसल इसलिए नहीं लिखा जा सकता है क्योंकि हिन्दू धर्म के कर्म के सिद्धांत को पश्चिम ने “कर्मा” कहकर अपने अनुकूल करने का कुप्रयास किया है। और अब यह कर्मा, गाहे बगाहे पाकिस्तानी धारावाहिकों के संवादों में भी दिखता है।
हनीफ कुरैशी, जिस पर अभी बेअदबी को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है, उसका नाम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान को और पूरे विश्व को हिलाकर रखने वाले सलमान तासीर हत्याकांड में हत्यारे मुमताज़ कादरी की न केवल प्रेरणा था, बल्कि उसका नाम मीडिया में भी आया था। सलमान तासीर को दहशतगर्द ठहराते हुए हनीफ के वीडियो अभी भी twitter पर दिख जाते हैं।
“व्हाई आई लेफ्ट इस्लाम” नामक पुस्तक लिखने वाले हैरिस सुलतान ने twitter पर लिखा कि यह बहुत ही रोचक है। पिछले पांच वर्षों से मैं पाकिस्तानियों को आगाह करता आ रहा हूँ कि बेअदबी की आग में घी डालना बंद करें, नहीं तो आप ही अगला निशाना होंगे। मुफ़्ती हनीफ कुरैशी नामक मौलाना, जिसने सलमान तासीर के हत्यारे को प्रेरित किया था, और जिसने बेअदबी के नाम पर कोई भी मौक़ा नहीं छोड़ा था, अब उसके खिलाफ ही बेअदबी की एफआईआर दर्ज हो गयी है। उन्होंने यह भी लिखा कि जल्द ही कई और लोग, जो दूसरों पर बेअदबी का आरोप लगाते हैं, इस आग की जद में आएंगे।
पाकिस्तानी पंजाब के उदारवादी गवर्नर सलमान तासीर की ह्त्या उन्हीं के सुरक्षा गार्ड मुमताज कादरी ने वर्ष 2011 में गोली मारकर कर दी था। हालांकि उसे फांसी दे दी गयी थी, परन्तु उस हत्या के समय जो चिंगारी थी वह अब जंगल की आग बनकर पूरे पाकिस्तान में फ़ैली हुई है, अर्थात बेअदबी के नाम पर हत्या। हाल ही में पाकिस्तान में पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे कथित बेअदबी के नाम पर चर्चों को जला दिया गया था।
यह वही चिंगारी है जिसके चलते पिछले दिनों एक पाकिस्तानी हिन्दू को उम्रकैद की सजा सुना दी गयी थी। बेअदबी का जहर इस सीमा तक घुला हुआ है कि वहां पर यह आरोप लगाए जाते हैं कि निजी दुश्मनी निकालने के लिए भी बेअदबी का आरोप लगाकर जेल भेज दिया जाता है। इस शब्द पर चल रहे अत्याचार की एक लम्बी सूची है। परन्तु कई बार सोशल मीडिया पर ही कई लोग प्रश्न उठाते हैं कि क्या इस्लाम से सम्बन्धित बेअदबी के मामले में वह लोग आरोपी हो सकते हैं, जो उस पंथ को मानते ही नहीं हैं?
सलमान तासीर ने बेअदबी की आरोपी ईसाई आसिया बीबी की वकालत कर दी थी और वह उनसे मिलने जेल भी गए थे। उन्होंने आसिया बीबी की माफी की भी बात की थी। यही कारण था कि कट्टरपंथी उनसे नाराज थे और उनके खिलाफ एक अभियान चलाया गया था, और उसमें मुफ्ती हनीफ भी मुख्य चेहरा था क्योंकि उसका नाम सामने आया था। मीडिया में यह बात निकल कर आई थी, मुमताज़ कादरी हनीफ मुफ्ती के बेअदबी की तहरीरें सुनता था और वह उसके कार्यक्रमों में भी जाता था। जिसमें वह सलमान तासीर के खिलाफ जहर उगला करता था। और मुमताज़ कादरी ने सलमान तासीर का क़त्ल कर दिया था। फिर उसके बाद twitter और अब X पर यह भी वीडियो है जिसमें मुमताज़ के उठाए गए कदम को सही बताया जा रहा है। अब वही हनीफ कुरैशी खुद बेअदबी की जद में है। मुफ्ती पर आरोप है कि उसने इस्लाम के पैगम्बर आरम इब्न अल आस का कथित रूप से अपमान किया है
एक बहुत ही प्रसिद्ध शेर है कि
लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में,
यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है
राहत इन्दौरी की यह पंक्तियाँ पाकिस्तान के उन मुफ्ती और मौलानाओं पर एकदम सटीक बैठती हैं जिन्होनें कथित बेअदबी के नाम पर मासूमों की जान ली है, वहां के अल्पसंख्यक बेचारे इसी भय में रहते हैं कि कहीं कोई उन्हें बेअदबी के नाम पर जेल न भिजवा दे या फिर उनकी लिंचिंग न हो जाए!
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