विस्तारवादी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। कुछ ही दिनों में भारत में जी 20 की बैठक होने वाली है और उससे पहले उसने नया विवाद खड़ा कर दिया है। चीन ने सोमवार को चीन का नया नक्शा जारी किया है। आधिकारिक तौर पर नक्शे में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन का इलाका, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को उसने चीन का हिस्सा बताया है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भारत सरकार ने कई बार चीन को उसकी सीमा की याद दिलाई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दो टूक कहा है कि एलएसी पर शांति जरूरी है।
नई दिल्ली में G-20 बैठक से पहले चीन ने सोमवार को ‘मानक मानचित्र’ 2023 एडिशन (China New Map) जारी किया। इसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन का क्षेत्र, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपना हिस्सा बताया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पहले में टि्वटर) पर इसे मानचित्र को शेयर किया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय द्वारा होस्ट की गई मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया। यह मानचित्र चीन और विश्व के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।
चीन की नीति विस्तारवाद की रही है। इसी साल अप्रैल में उसने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के चीन नाम कर दिए थे। अप्रैल में ही भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर भी भारत की जमीन कोई नहीं ले सकता है। वहीं हाल ही में ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को दो टूक सुनाई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा मुद्दों पर वार्ता की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जोहान्सबर्ग में मीडिया को बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला।
The 2023 edition of China's standard map was officially released on Monday and launched on the website of the standard map service hosted by the Ministry of Natural Resources. This map is compiled based on the drawing method of national boundaries of China and various countries… pic.twitter.com/bmtriz2Yqe
— Global Times (@globaltimesnews) August 28, 2023
चीनी राष्ट्रपति के सामने प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।
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