रांची। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने सोमवार को चारा घोटाले के केस संख्या (आरसी 48ए/96) डोरंडा कोषागार मामले में फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कुल 124 आरोपितों में से 52 को तीन साल तक की सजा सुनाई है, जबकि 35 लोगों को रिहा कर दिया है। वहीं 37 अन्य को तीन साल से अधिक की सजा सुनाई गई है।
चारा घोटाला मामले में जिन 35 आरोपितों को कोर्ट ने रिहा किया है, उसमें कई डॉक्टर एवं सप्लायर भी शामिल हैं। कोर्ट ने तीन साल से अधिक सजा पाने वाले आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इन लोगों की सजा पर कोर्ट 1 सितंबर को विस्तृत फैसला सुनाएगा।
अदालत ने 24 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसले के लिए आज का दिन निर्धारित करते हुए सभी आरोपितों को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दरमियान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गई थी। इस मामले में कुल 124 आरोपितों में से 38 लोक सेवक रहे हैं, जिनमें से आठ कोषागार पदाधिकारी हैं जबकि 86 आपूर्तिकर्ता यानी सप्लायर थे।
इन लोगों को किया गया बरी
जिन 35 लोगों को कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया, उनमें एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक के नाम शामिल हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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