चंडीगढ़। राजभवन द्वारा मांगी जाने वाली जानकारियों के संबंध में राज्यपाल के पत्र की निरंतर अनदेखी से पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को संवैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेद चले आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मान को पत्र लिखकर साफ कह दिया है कि ‘राजभवन द्वारा मांगी गई जानकारियां राज्य सरकार ने नहीं दी हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। इस आचरण को लेकर उनके पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।
15 अगस्त को मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेजे पत्र में राज्यपाल ने अपने कड़े रुख की झलक देते हुए स्पष्ट किया कि अगर राजभवन द्वारा भेजे गए पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। वह संविधानिक तंत्र की विफलता के बारे में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजेंगे। राज्यपाल पुरोहित ने अपने इस पत्र की शुरुआत में लिखा कि वह एक अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के संबंध में यह नया पत्र लिखने को बाध्य हैं, क्योंकि उनके पत्र के बावजूद मुख्यमंत्री ने मांगी गई जानकारी नहीं दी। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जानबूझ कर ये जानकारियां नहीं दे रहे हैं। राज्यपाल ने लिखा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के मुताबिक राज्यपाल द्वारा राज्य के प्रशासनिक मामलों के बारे में मांगी गई जानकारी मुख्यमंत्री द्वारा उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री मान द्वारा 28 फरवरी 2023 को दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला भी दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल, दोनों संविधानिक पदाधिकारी हैं और दोनों की संविधान द्वारा निर्दिष्ट भूमिकाएं व दायित्व हैं।
राज्यपाल ने प्रदेश में नशे पर जताई चिंता
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राज्यपाल ने प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब में नशा चरम पर है। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि हाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीआरबी) और चंडीगढ़ पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया है। राज्यपाल ने पत्र में यह भी लिखा कि संसद की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदी है। यह तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इशारा करते हैं।
उन्होंने लिखा कि राज्य के अंदर ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां बनाने का फैसला किया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को ड्रग मामले पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत राजभवन भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी लिखा कि कार्रवाई रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की स्थिति में उनके पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
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