शतरंज विश्व कप के खिताबी मुकाबले में भारत के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा मैग्नस कार्लसन के खिलाफ विश्व चैंपियन बनने से चुक गए हैं। लगातार दो गेम ड्रॉ रहने के बाद गुरुवार को टाइ ब्रेकर में इस मैच का नतीजा निकला। उतार चढाव से भरे इस मुकाबले में 18 वर्षीय प्रज्ञानानंदा ने टाई ब्रेकर में कड़ी टक्कर के बाद अपने पॉइंट गंवा दिए और जिससे कार्लसन ने यह मुकाबला 45 चाल के बाद जीत लिया।
2 दिन तक कड़ी चुनौती का सामना करने के बाद नॉर्वे के 32 वर्षीय मैग्नस कार्लसन यह मैच जीत पाए। प्रज्ञानानंदा के खिलाफ उन्हें जटिल रणनीति तैयार करनी पड़ी, जिसकी बदौलत ही उन्हें जीत हासिल हुई। दोनों के बीच अंतिम स्कोर, कार्लसन-1.5, प्रग्गनानंद- 0.5
तीन दिन तक चला फाइनल मुकाबला
शतरंज वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले का आयोजन 3 दिनों तक कराया गया। 22 अगस्त को पहले दिन खेला गया मैच 70 से अधिक चालों के बाद ड्रॉ पर खत्म हुआ और इसके बाद 23 अगस्त को जब फिर जब दूसरा मैच 30 चालों के बाद ड्रॉ पर खत्म हुआ तो फिर परिणाम हासिल करने के लिए टाईब्रेकर में मुकाबला कराया गया। जहां पर 25-25 मिनट के 2 राउंड में मैग्नस कार्लसन ने जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया।
सबसे यंग प्लेयर प्रज्ञानानंदा ने जीता लोगों का दिल
वो खिताब जीतने से भले ही चूक गए, मगर नंबर एक खिलाड़ी के खिलाफ वो जिस तरह से खेले, उन्होंने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया। प्रज्ञानंद वर्ल्ड कप का फाइनल खेलने वाले दुनिया के सबसे यंग प्लेयर हैं। उन्होंने खिताबी मुकाबले में कार्लसन को जबरदस्त टक्कर दी। प्रज्ञानानंदा खिताब जीतने से भले ही चूक गए, मगर नंबर एक खिलाड़ी के खिलाफ वो जिस तरह से खेले, उन्होंने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।
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