नादिया जिले के रहने वाले स्वप्नदीप कुंडू के परिवार में माता-पिता और एक छोटा भाई है। परिजन बताते हैं कि स्वप्नदीप शुरुआत से ही मेधावी छात्र था। उसने इंजीनियरिंग की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल की थी, लेकिन भाषा के प्रति लगाव के कारण उसने बांग्ला भाषा पढ़ने का फैसला किया। कहा जाता है कि स्वप्नदीप ने छात्रावास के लिए आवेदन किया, लेकिन उसे तुरंत नहीं मिला।
गत अगस्त को कोलकाता के प्रसिद्ध जादवपुर विश्वविद्यालय में बांग्ला भाषा (आनर्स प्रथम वर्ष) की पढ़ाई करने वाले छात्र स्वप्नदीप कुंडू का विश्वविद्यालय के छात्रावास की बालकनी के पास शव पाया गया। प्रशासन कह रहा है कि यह आत्महत्या का मामला है, लेकिन उनके परिजन अरूप कुंडू का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं है। अरूप के अनुसार, ‘‘स्वप्नदीप ने 9 अगस्त की रात करीब 9:30 बजे अपनी मां को फोन किया और कहा कि वह डरा हुआ है। इसलिए यहां आकर मुझे अपने साथ ले जाएं। मुझे आपसे कुछ बातें कहनी हैं। उसी रात लगभग 11:30 बजे उसके छात्रावास के साथियों ने जमीन पर किसी भारी चीज के गिरने की आवाज सुनी और स्वप्नदीप को वहां पूरी तरह से नग्न और गंभीर रूप से घायल पाया।’’
नादिया जिले के रहने वाले स्वप्नदीप कुंडू के परिवार में माता-पिता और एक छोटा भाई है। परिजन बताते हैं कि स्वप्नदीप शुरुआत से ही मेधावी छात्र था। उसने इंजीनियरिंग की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल की थी, लेकिन भाषा के प्रति लगाव के कारण उसने बांग्ला भाषा पढ़ने का फैसला किया। कहा जाता है कि स्वप्नदीप ने छात्रावास के लिए आवेदन किया, लेकिन उसे तुरंत नहीं मिला। परिणामस्वरूप वह कुछ अन्य छात्रों के साथ एक कमरा साझा कर रहा था। 7 अगस्त को उसने अपने पिता से उन कक्षाओं के बारे में खुशी व्यक्त की जिनमें वह भाग ले रहा था।
परिजनों का कहना है कि स्वप्नदीप की हत्या ‘रैगिंग’ के कारण हुई है। इसके साथ ही उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। नाम न छापने की शर्त पर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर कहते हैं कि परिसर में ‘रैगिंग’ से इंकार नहीं किया जा सकता। वे सवाल करते हैं कि कुछ दिन पहले तक जो छात्र अपनी कक्षाओं का आनंद ले रहा था, ऐसे में वह आत्महत्या कैसे कर सकता है?
जांच के दौरान पाया गया है कि कुंडू की रैगिंग तीन अलग-अलग कमरों में ली गई। फिर एक के बाद एक कमरे का चक्कर लगाने के लिए कहा गया। पीड़ित पर कपड़े उतारने का दबाव बनाया गया। पुलिस का कहना है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं उसे मजबूर करने के। उम्मीद है कि पुलिस उन सबूतों के आधार पर दोषियों को सजा दिलाएगी।
दरअसल, यह विश्वविद्यालय ‘रैगिंग’ के कारण बदनाम रहा है। कुछ समय पहले भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर बार की तरह उसे दबा दिया। उधर विश्वविद्यालय का हाल यह है कि वहां ‘रैगिंग’ को सही ठहराते हुए परिसर में पर्चे तक बांटे जाते हैं। भूविज्ञान विभाग के प्रथम वर्ष के एक छात्र अर्पण माजी ने अपनी फेसबुक पर विवि के अपने अनुभवों के बारे में लिखा है, ‘‘मैं भी मेन हॉस्टल में इसी तरह की भयावहता से गुजर रहा था और दूर रहने की जगह तलाश कर रहा था। हालांकि इसके लिए मुझे पैसा उधार लेकर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। जिस तरह से सत्ता केंद्र कमजोरों को डराते हैं, उसी तरह विवि के कुछ वरिष्ठ छात्र भी उसी मानसिकता का प्रदर्शन करते हैं। मैंने अपना एक साथी इसी मानसिकता के चलते खो दिया।’’ अर्पण माजी के ऐसे आरोपों ने जादवपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति का काला पक्ष एक बार फिर उजागर कर दिया है।
पुलिस ने छह को पकड़ा
इस मामले में पुलिस ने 6 छात्रों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन पुराने छात्र हैं। इन सभी छात्रों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार घटना वाले दिन यानी 9 अगस्त की रात 9 बजे से लेकर 11: 45 तक के वीडियो फुटेज को खंगालने के बाद तस्वीर साफ हुई। जांच के दौरान पाया गया है कि कुंडू की रैगिंग तीन अलग-अलग कमरों में ली गई। फिर एक के बाद एक कमरे का चक्कर लगाने के लिए कहा गया। पीड़ित पर कपड़े उतारने का दबाव बनाया गया। पुलिस का कहना है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं उसे मजबूर करने के। उम्मीद है कि पुलिस उन सबूतों के आधार पर दोषियों को सजा दिलाएगी।
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