पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण के चार स्थानों पर जिहादियों ने महावीरी शोभायात्रा पर हमला किया। इस कारण लगभग दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें जूलूस में शामिल लोग, पत्रकार और पुलिस वाले शामिल हैं। पश्चिमी चंपारण (मोतिहारी) के मेहसी, कल्याणपुर और दरपा में शोभायात्रा पर पथराव हुआ। वहीं पूर्वी चंपारण (बेतिया) स्थित बगहा के रतनमाला में नागपंचमी के दिन महावीरी अखाड़े की शोभायात्रा पर हमला हुआ। प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्ग पर भी जिहादियों को आपत्ति थी। इसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया। घटना के बाद पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर धारा 144 लागू कर दी गई है।
यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि बिहार में जब से महागठबंधन यानी राजद, जदयू और कांग्रेस की सरकार बनी है तबसे प्रत्येक हिन्दू धार्मिक यात्रा पर हमले हो रहे हैं। इससे पहले रामनवमी शोभायात्रा पर बिहार के विभिन्न हिस्सों में हमले हुए थे।
मोतिहारी की घटना
मोतिहारी में नूंह जैसी साजिश को अंजाम देने की कोशिश हुई। मोतिहारी के मेहसी, कल्याणपुर और दरपा में महावीरी यात्रा पर हमला हुआ। बता दें कि मेहसी में हर वर्ष नागपंचमी के दिन शोभायात्रा निकाली जाती है। इसमें सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। एक शिव मंदिर में अलग—अलग हिस्सों का महावीरी झंडा जमा होता है, फिर वहां से शोभायात्रा निकाली जाती है। शोभायात्रा शहर के खुरखुर चौक मस्जिद से मोगलपुरा होते हुए पुरानी मेहसी पहुंचती है। वहां एक महावीर मंदिर के बाद शोभायात्रा नियामतगंज, समनपुरा, बैंक रोड होते हुए हनुमान मंदिर पर खत्म होती है। इसी रास्ते से जा रही शोभायात्रा पर मोगलपुरा में हमला किया गया। पत्थरबाजी की घटना में शोभायात्रा में चल रहे महावीर जी का मंडप भी क्षतिग्रस्त हो गया। यहां एक दिन पहले भी जय श्रीराम का लगा झंडा फाड़ दिया गया था।
यही भयानक तस्वीर दरपा के पिपरा गांव में भी देखने को मिली। यहां प्रतिवर्ष नागपंचमी के अवसर पर शोभायात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष भी गाजे—बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जा रही थी। जब शोभायात्रा पिपरा गांव में कचहरी टोला होकर पछियारी टोला पहुंची तो शोभायात्रा पर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पूरी साजिश के तहत ये हमला किया गया। इस यात्रा में पुलिस की टीम भी मौजूद थी और हमले में पुलिसकर्मियों समेत एक दर्जन लोगों को भी चोट लगी है। दरपा के एसएचओ धर्मेन्द्र यादव भी घायल हुए।
बगहा की घटना
बगहा के रतनमाला में महावीरी अखाड़ा समिति द्वारा महावीरी शोभायात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा प्रतिवर्ष निकाली जाती है। जब शोभायात्रा बड़ी मस्जिद के पास पहुंची तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया। उन्होंने जुलूस को मस्जिद के पास से नहीं ले जाने को कहा। जबकि प्रशासन ने इस मार्ग की अनुमति दे दी थी। अचानक मस्जिद और घरों से पथराव शुरू हो गया। इस पत्थरबाजी में पत्रकार, पुलिसकर्मी समेत लगभग 2 दर्जन लोग घायल हो गए। घटना के बाद इलाके में भारी पुलिसबल तैनात किया गया। डीएम दिनेश राय और एसडीएम डॉ. अनुपमा सिंह मौके पर पहुंचीं। बता दें कि घायलों का अनुमंडल अस्पताल में इलाज जारी है। पथराव की इस घटना में बिहार पुलिस के सिपाही हरीश राम, होमगार्ड सिपाही नगीना यादव, पत्रकार मुन्ना राज, बनकटवा के आयुष कुमार, रतनमाला निवासी पहावरी प्रसाद, भगवान चौधरी, राधेश्याम मांझी, अमित कुमार, गोलू कुमार घायल हुए। एक व्यक्ति की स्थिति गंभीर है, जबकि अन्य लोगों की स्थिति सामान्य है।
बगहा में रूट मार्च पर भी हुआ हमला
घटना के दूसरे दिन 22 अगस्त को जिहादियों ने रतनमाला में जिले के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार जाधव के रूट मार्च पर पथराव कर दिया। प्रशासन ने 24 अगस्त तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। बता दें कि पुलिस लोगों को सुरक्षा का आश्वासन देने और सतर्कता के लिए पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में रूट मार्च निकाल रही थी। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस के रूट मार्च और कुछ घरों पर पथराव कर दिया। दो पत्रकारों के साथ भी हाथापाई की और मोबाइल सहित अन्य सामान छीन लिए। पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया।
पुलिस ने 50 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया है। देर शाम रतनमाला में एक घर से पथराव किया गया। इस दौरान गश्त लगा रहे क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) के दो जवानों का सिर फट गया। इनमें शशि कुमार और विवेक कुमार शामिल हैं। अनुमंडलीय अस्पताल में उनका इलाज कराया गया।
बिहार सरकार का अनोखा न्याय
जब भी कहीं कोई घटना होती है, तो बिहार सरकार दोनों पक्षों के विरुद्ध कार्रवाई करती है। यह नहीं देखती है कि कौन पीड़ित है और कौन आरोपी। यही कारण है कि जिहादी तत्व पुलिस टीम पर भी हमला करते हैं। मुहर्रम के जुलूस में डीजे पर गाना बजता है, “मियां डरता नहीं है, पुलिस थाने से” लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। लेकिन हिंदू शोभायात्राओं पर सारे प्रतिबंध रहते हैं। भागलपुर के प्रसिद्ध मां विषहरी की प्रतिमा विसर्जन के दौरान धीमी आवाज से बजाए जा रहे भक्ति संगीत पर पुलिस को एतराज़ होता है, लेकिन एक संप्रदाय विशेष के जुलूस में बज रहे कानफाड़ू डीजे को प्रशासन को बर्दाश्त करता है। हिंदू शोभायात्राओं के दौरान कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं, लेकिन मुहर्रम के ताजिया जुलूस की सुरक्षा के लिए कई थानों का पुलिस बल लगाया जाता है।
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