देहरादून। चर्चित फर्जी रजिस्ट्री घोटाला मामले में पुलिस SIT ने एक और रजिस्टार रिकॉर्ड कर्मी सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि अभी करोडों के इस जमीन फर्जीवाड़े में बड़ी गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी रोहिताश सिंह और विकास पांडे से पूछताछ में कई अहम सबूत और दस्तावेज SIT के हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर पर्याप्त साक्ष्यों को एकत्र कर प्रकाश में आए अन्य मुख्य आरोपियों की भी गिरफ्तारियां सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई जारी है। गिरफ्त में आए रोहिताश सिंह और विकास पांडे से पूछताछ में जानकारी सामने आई कि सहारनपुर निवासी केपी (कुँवर पाल) इमरान एवं अन्य सहयोगियों के प्रलोभन में आकर रायपुर, लाडपुर, चकरायपुर, नवादा और रैनापुर आदि स्थानों की भूमि से संबंधित विभिन्न खसरा नंबरों के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर दाखिल खारिज की फाइलें बनवाकर विकास पांडे की मदद से रिकॉर्ड रूम में रखवाई गई। साथ ही रिकॉर्ड रूम में रखे संबंधित रजिस्टरों पर भी कूटरचित तरीके से अपने सहयोगी आरोपियों के नाम अंकित कराएं।
इस काम के लिए आरोपी रोहिताश सिंह और विकास पांडे को पाँच-पाँच (5-5) लाख रुपये दिए गए। पुलिस की जांच में यह पता चला कि रिंग रोड में एक-एक प्लाट भी गिरफ्तार आरोपियों को दिया जाना तय हुआ था। गिरफ्तार आरोपियों से विस्तृत पूछताछ में कई नाम प्रकाश में आए हैं, जिनके संबंध में गठित एसआईटी टीम गहन जांच कर रही है। ऐसे आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। बता दें कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा मामले में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि इस करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़े मामले में कई मुख्य किरदारों के खिलाफ SIT मजबूत साक्ष्य-सबूत संकलन कर गिरफ्तारी की तैयारी में दबिश दे रहे हैं।
PRD जवान विकास पांडे भी रजिस्टार रिकॉर्ड ऑफिस में करता था हेराफेरी : SIT
देहरादून एसएसपी दिलीप सिंह कुँवर के मुताबिक गिरफ्तार विकास पांडे PRD का जवान है, जो काफी समय से रजिस्टार ऑफिस के रिकॉर्ड रूम में काम करता था। विकास ही रोहिताश और अन्य फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों की जाली कैंसिल रजिस्ट्रियों को वैलिड बनाकर उनकी दाखिल खारिज करवाकर उन्हें रिकॉर्ड दस्तावेजों में रखवाता था। रिकॉर्ड कर्मी विकास पाण्डे ठीक इससे पहले गिरफ्तार डालचंद और अजय छेत्री की तरह ही रिकॉर्ड ऑफिस में कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी रजिस्ट्री करने वाले लोगों की मदद करता था। एसएसपी के अनुसार हाल के दिनों में पांच फर्जी रजिस्ट्री को वैलिड बनाया जा चुका था, लेकिन जैसे ही वह छठी रजिस्ट्री को वैलिड बनाने का काम चल रहा था तभी इस पूरे मामले से पर्दाफाश हुआ।
गिरफ्तार आरोपी
रोहिताश सिंह पुत्र स्वर्गीय महेंद्र सिंह, निवासी 126 गुरु रोड गांधी ग्राम पटेल नगर, देहरादून, उम्र 42 वर्ष
विकास पांडे पुत्र इंद्रेश पांडे निवासी दुर्गा एनक्लेव, बंजारावाला थाना पटेल नगर, देहरादून, उम्र 40 वर्ष
रोहिताश पांडे ने नामी वकील से सीखें कानूनी दाँव पेच : पुलिस
पुलिस एसएसपी दलीप सिंह के मुताबिक रोहिताश सिंह पूर्व में देहरादून के एक नामी वकील के यहां मुंशी के रूप में काम कर चुका है। इसी कार्यकाल के दौरान उसने अपने गुरु वकील से कई कानूनी दाँव-पेच सीखे, और इस कानूनी जानकारी के आधार पर उसने वकील से अलग होकर अपना गोरखधंधा शुरू किया। पुलिस के मुताबिक रोहिताश रिकॉर्ड ऑफिस के कर्मचारियों से मिलीभगत कर फर्जी रजिस्ट्रियों के दस्तावेज रिकॉर्ड ऑफिस में अदला-बदली करने के अलावा दाखिल खारिज सहित कई तरह के जमीनों के फर्जी काम करता था।
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