एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को कुछ समय पहले से सूचना प्राप्त हो रही थी कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन से मिलकर भारत की आन्तरिक व बाह्य सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से षड्यंत्र रचा जा रहा है। किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं भी प्राप्त हो रही थी। इस संबंध में एसटीएफ ने अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया।
एसटीएफ फील्ड इकाई, मेरठ को मुखबिर एवं सहयोगी अभिसूचना एजेंसी के माध्यम से सूचना प्राप्त हो रही थी कि जनपद शामली का निवासी कलीम व उसका भाई तहसीम उर्फ तासीम एवं इनके सहयोगी एक आतंकवादी संगठन से मिलकर एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत अवैध असलहों को एकत्र कर रहे हैं। मोबाइल पर व्हाट्सएप द्वारा भारत की सुरक्षा संबंधी स्थलों के फोटोग्राफ पाकिस्तान में आईएसआई व आतंकी संगठनों को भेज रहे हैं। मोबाइल नम्बरों की आईपी एड्रेस पाकिस्तान के लाहौर शहर की है। इसी दौरान सूचना प्राप्त हुई कि कलीम पूरी तरह कट्टरपंथी विचारधारा का समर्थन करता है, जो करीब 4-5 दिन पहले पाकिस्तान से भारत आया है और यहां पर लोगों को भारत में जिहाद फैलाने के लिए उकसा रहा है। भारत में मुजाहिदीन की जमात बनाने की तैयारी में है तथा लोगों से कहता है कि आप मेरे लिए शहादत की दुआ करना औपर आपके जो दोस्त मुजाहिद बनना चाहते हैं उनसे मेरी बात करा देना। जनपद शामली स्थित कलीम के मकान पर जब पुलिस पहुंची कलीम वहां पर उपस्थित था। कलीम को गिरफ्तार किया गया।
कलीम के कब्जे से 2 मोबाइल फोन, व्हाट्सएप चैट मैसेज व फोटोग्राफ की छायाप्रति, उर्दू भाषा में लिखे प्रिंटेड पेपर की छायाप्रति एवं हिन्दी अनुवाद पेपर बरामद किये गए। आरोपी कलीम ने पूछताछ पर बताया कि वह पांच भाई है और वह तीसरे नम्बर का हैं। सभी भाईयों की शादी हो चुकी है। वह अविवाहित है। इनके रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं, जिनसे मिलने के लिए काफी समय से वह पाकिस्तान आता जाता रहता है। पाकिस्तान में रिश्तेदारों के संबंध में पूछताछ पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। पाकिस्तान आने-जाने पर उसकी आईएसआई के कुछ लोगों व हैण्डलर से जान पहचान हो गयी थी। उन लोगों ने इसे कुछ पैसों का लालच देकर कहा था कि तुम्हें भारत में जिहाद फैलाने के लिए असलहा व गोला-बारूद तथा पैसा दिया जाएगा, जिसको तुम भारत में सौहार्द बिगाड़ने के लिए अपने लोगों को तैयार करो तथा भारत के भिन्न-भिन्न स्थानों पर दंगा-फसाद कर विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दो, ताकि भारत में शरियत कानून के तहत नये सिस्टम को स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके।
आरोपी ने मोबाइल नम्बर फर्जी आईडी से लिया था। इस मोबाइल नम्बर का व्हाट्सएप पाकिस्तान में आईएसआई ऑपरेटिव आतंकी दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज के मोबाईल फोन पर एक्टिवेट कराया था। उसका भाई तहसीम उर्फ तासीम, आतंकी दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज से व्हाट्सएप पर वार्ता करता था। उसके निर्देश पर भारतीय सेना के सुरक्षा स्थल की फोटो व्हाट्सएप पर भेजता था। इसके अलावा राजस्थान में अनूपगढ़ में भारतीय सेना के सुरक्षा बल के जवानों की फोटोग्राफ भी भेजता था। भारतीय सेना के राफेल विमान के फोटोग्राफ से संबंधित समाचार पत्र की फोटोग्राफ भी भेजा था।
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