मथुरा। स्वतंत्रता दिवस पर वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के पास हादसे की जांच के लिए मथुरा प्रशासन ने अफसरों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है, जो सात दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। शहर में जर्जर मकानों का भी सर्वे भी शुरू करा दिया गया है, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
वृंदावन हादसे की जांच को जिलाधिकारी मथुरा पुलकित खरे के निर्देश पर बनाई गई जांच कमेटी में समिति के अध्यक्ष अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) को बनाया गया है, जबकि अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग और एवं सीओ सदर भी सदस्य के रूप में टीम में शामिल किए गए हैं। डीएम ने बताया कि हादसे का कारण बने भवन की दीवारें पहले से कमजोर थीं। गिरने की असली वजह क्या थी, यह जांच के बाद सामने आएगा। वृन्दावन में ऐसे जर्जर एवं गिरासू भवनों के संपूर्ण सर्वे के लिए अलग से तकनीकी समिति भी गठित की गई है।
सर्वे को बनाई गई समिति में अपर नगर आयुक्त क्रान्तिशेखर सिंह, डिप्टी कलेक्टर रितु सिरोही, डिप्टी कलेक्टर राजकुमार भास्कर, विशेष कार्याधिकारी एमवीडीए प्रसून द्विवेदी, मुख्य अभियन्ता नगर निगम मथुरा-वृन्दावन एके सिंह एवं मुख्य अभियन्ता मथुरा-वृंदावन विप्रा मनोज मिश्रा को शामिल किया गया है। स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर वृंदावन के दुसायत मोहल्ला स्थित राधा स्नेह बिहारी मंदिर के पास जर्जर मकान का छज्जा गिरने से पांच श्रद्धालुओं की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। चार घायल भी हो गए थे, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। मृतकों में तीन कानपुर, एक देवरिया और एक पंजाब के रहने वाले थे। जहां हादसा हुआ, वह जगह बांकेबिहारी मंदिर से महज डेढ़ सौ मीटर दूर है।
अधिक मास, साप्ताहिक अवकाश और स्वतंत्रता दिवस पर मथुरा-वृंदावन में लाखों श्रृद्धालु बांके बिहारी मंदिर और अन्य मंदिरों के दर्शनों को पहुंचे थे। जिसकी वजह से ट्रैफिक इंतजाम कम पढ़ गए थे और जगह-जगह जाम के हालात बन गए थे। श्रृद्धालुओं के बीच अब काशी की तरह वृंदावन-मथुरा कॉरिडोर बनाने की मांग उठ रही है। कहा जा रहा है कि कॉरिडोर बनने से ही हादसे रुक सकेंगे। वैसे राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार वृंदावन कॉरिडोर बनाने की तैयारी में है मगर कुछ स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से मामला कोर्ट में है और कॉरिडोर का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। सीएम योगी वृंदावन हादसे से दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के निशुल्क उपचार के निर्देश भी अफसरों को दिए हैं।
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