बिहार के दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद राजनीति गर्मा गई है। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक पुराना पत्र जोकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित करते हुए लिखा था, उसे सार्वजनिक किया और आरोप लगाया कि एम्स का सारा श्रेय नरेंद्र मोदी ले रहे हैं और हकीकत ये है कि बिहार की सरकार द्वारा जमीन दिए जाने के बाद आज भी एम्स नहीं बन सका है। वहीं, शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने जवाबी पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए तंज कसा। मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।
मांडविया ने इस संबंध में तेजस्वी को पत्र लिख कर कहा कि हमारी नीयत साफ है। एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी। इसके बाद आप सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी।
प्रिय तेजस्वी जी,
मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।
हमारी नीयत साफ़ है।
एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी। https://t.co/ESOxhfeDp6 pic.twitter.com/kH0PiucDml
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 12, 2023
मनसुख मांडविया ने कहा कि नियमों के अनुसार जमीन की जांच करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने जमीन की जांच की । 26 मई 2023 को भारत सरकार ने उपलब्ध करवाई गई दूसरी जमीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है इस संबंध में पत्र बिहार सरकार को भेजा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तेजस्वी से पूछा कि जमीन को क्यों बदला गया ? किसके हित में बदला गया ? बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गई अनुपयुक्त जमीन के लिए क्या कहा था ? राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिए तत्काल उचित जगह दीजिए। हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं।
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