विदुषी भारती मिश्र की धरती पर समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका को स्मरण दिलाने के लिए मातृशक्ति सम्मेलन की शृंखला प्रारंभ की गई। पहला सम्मेलन 6 अगस्त को पटना स्थित बिहार विधान परिषद के सभागार में हुआ। दूसरा सम्मेलन सम्मेलन सहरसा के पूजा बैंक्वेट में संपन्न हुआ। 27 अगस्त को सासाराम में तीसरा सम्मेलन होगा। महिला समन्वय की बिहार प्रमुख डॉ. पूनम सिंह के अनुसार राज्य में कुल 16 मातृशक्ति सम्मेलन करने की योजना है। सम्मेलन में समाज जीवन के विभिन्न भागों में सक्रिय रहने वाली महिलाएं बढ़ – चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
पटना के सम्मेलन की मुख्य वक्ता थीं महिला समन्वय की अखिल भारतीय संयोजक मीनाक्षी ताई पेशवा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय नारी प्रारंभ से ही सामाजिक कार्यों में आगे रही हैं। घर के दायित्वों को निभाते हुए भी उन्होंने अपना सामाजिक दायित्व पूरा किया है। भारत के आंदोलन का इतिहास महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। उन्होंने महिलाओं की समस्या, समाधान और देश के विकास में उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सामाजिक संवेदनशीलता के बारे में भी चर्चा की।
राष्ट्र सेविका समिति की सह कार्यवाहिका सुनीता हल्देकर ने कार्यक्रम के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्त्री और पुरुष समाज के दो महत्वपूर्ण और पूरक इकाई हैं। महिलाओं की समस्या केवल महिलाओं की समस्या नहीं अपितु पूरे समाज की समस्या है। आज आवश्यक है कि महिलाओं के प्रति समाज का दृष्टिकोण और रूढ़िवादी विचार बदले। इस सामाजिक बदलाव के लिए समाज के सभी घटकों को आगे आना होगा। महिला समन्वय का मुख्य कार्य महिलाओं की समस्या को भारतीय संदर्भ में देखना और तदनुरूप उसका समाधान भारतीय चिंतन और परंपराओं के आलोक में ढूंढना है।
प्रातः 9 बजे से प्रारंभ होकर दिन भर चलनेवाले सम्मेलन में कई सत्र आयोजित किए गए थे। गटश: चर्चा में श्रीमती तनुजा मिश्रा, डॉ नमिता कुमारी, डॉ किरण घई और डॉ वीणा सिंह ने चर्चा की। डॉ. किरण घई ने लैंगिक असमानता और जेंडर विषयक मिथ्या अवधारणा विषय पर चर्चा की। श्रीमती तनुजा मिश्रा ने महिलाओं की स्थिति और कानूनी समस्या, डॉ. नमिता कुमारी ने महिलाओं के पारिवारिक और सामाजिक दायित्व बोध और डॉ किरण सिंह ने महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन जैसे विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई।
समापन सत्र को राष्ट्र सेविका समिति की सह कार्यवाहिका सुनीता हल्देकर और पटना की महापौर श्रीमती सीता साहू ने संबोधित किया। समापन सत्र में अपनी प्रतिभा से अपनी पहचान बनानेवाली मातृशक्ति को सम्मानित किया गया। इसमें महिला उद्यमी श्रीमती मीना कुशवाहा, राष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ी मधुलिका तिवारी, युवा तैराक आन्या बरनवाल, पारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता वैष्णवी, अपने योगासन से अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनानेवाली साक्षी कुमारी इत्यादि शामिल हैं। इस अवसर पर महिला समन्वय की बिहार प्रमुख डॉ पूनम सिंह, बी एन मंडल विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो आभा सिंह, पूर्व विधान पार्षद डॉ किरण घई, पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश और कुलपति न्यायमूर्ति मृदुला मिश्रा, राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रांत कार्यवाहिका कमला सिंह, सह प्रांत कार्यवाहिका निवेदिता सिंह इत्यादि उपस्थित थीं। कार्यक्रम में पटना के सभी महाविद्यालयों की बहनें उपस्थित रहीं। पटना के कार्यक्रम का संयोजन पटना विभाग की प्रमुख और राष्ट्र सेविका समिति की सह प्रांत कार्यवाहिका निवेदिता सिंह ने किया। कोशी के कार्यक्रम का संयोजन लाजवंती झा ने किया।
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