वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम शुक्रवार सुबह 7 बजे पहुंच गई है। टीम में 61 सदस्य हैं। जिसने परिसर की वीडियोग्राफी करना शुरू कर दी है। टीम के साथ हिंदू पक्ष भी अंदर गया है। वहीं, सर्वोच्च न्यायालय में सर्वे के खिलाफ अपील का जिक्र करते हुए मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में शामिल होने से मना कर दिया है। इधर सर्वे को देखते हुए जिले की पुलिस और प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है। ज्ञानवापी परिसर के पास पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। इसके साथ ही वाराणसी में हाई अलर्ट है।
वहीं, हिंदू पक्ष के पक्षकार सोहन लाल आर्या ने कहा कि औरंगजेब ने किस तरह से ज्ञानवापी का विध्वंस किया और वहां मस्जिद बनाई। यह सत्यता सर्वे से दुनिया के सामने आ जाएगी। उधर, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि ASI सर्वे कोर्ट के आदेश के अनुरूप किया जाएगा।
गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI को वाराणसी की ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दी थी। जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा था कि न्यायहित में सर्वे आवश्यक है।
उच्च न्यायालय ने सर्वे रोकने की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने वाराणसी लोअर कोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को भी सही बताया था। इस बीच, अदालत के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
ASI ने 24 जुलाई को जिला जज वाराणसी के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू कर दिया था, लेकिन सर्वे के कुछ घंटे बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
इस तरह से होगा सर्वे…
1- अब खुदाई नहीं होगी।
2- ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार (जीपीआर) तकनीक का उपयोग करेंगे। जिससे रेडियो वेव की फ्रीक्वेंसी के माध्यम पता चल जाएगा कि जमीन या दीवार के अंदर क्या है ?
3- कार्बन डेटिंग पद्धति से भी साक्ष्यों की जांच की जाएगी।
4- दीवारों, नींव, मिट्टी में रंग परिवर्तन की भी जांच होगी।
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