लखनऊ : उत्तर प्रदेश एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ने शनिवार देर रात लखनऊ के विभूतिखंड में होटल हयात रीजेंसी के पास से मारे गए माफिया अतीक अहमद के अधिवक्ता विजय मिश्रा को गिरफ्तार किया। अधिवक्ता विजय मिश्रा पर प्रयागराज के एक फर्नीचर व्यापारी से तीन करोड़ रंगदारी मांगने का आरोप दर्ज है।
मारे गए माफिया अतीक के लिए मुकदमों की पैरवी करना और माफिया मुख्तार अंसारी की पेशी के दौरान साथ में दिखाई देने वाले अधिवक्ता विजय मिश्रा के अपराधी गिरोहों से संबंधों को लेकर प्रयागराज पुलिस पहले से जांच-पड़ताल कर रही थी। तभी एक व्यापारी से तीन करोड़ की रंगदारी मांगी गई। इसमें विजय मिश्रा का नाम सामने आया और इसके बाद उनके नाम एफआईआर दर्ज हुई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ के एक होटल में रुके विजय मिश्रा की बहुत जल्द एक राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष से मुलाकात होनी थी। इससे पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लिए जाने के बाद अधिवक्ता को प्रयागराज ले जाया गया था।
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज पुलिस की ओर से विजय मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर मदद मांगी गई थी। उसकी लोकेशन लखनऊ में होने की सूचना भी दी गई थी। इसके बाद ही उसे हिरासत में लेकर प्रयागराज पुलिस को सौंप दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, विजय मिश्र पर तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में 23 मई को अतरसुइया थाने में दरियाबाद निवासी लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने एफआईआर कराई थी।
विजय मिश्रा का अतीक से रहा करीबी रिश्ता
बतादें, विजय मिश्र अतीक अहमद के भाई अशरफ के मुकदमें लड़ते थे। वो कई मामलों में अतीक के भी कानूनी सलाहकार थे और उन्होंने कई मामले अतीक के लड़े भी थे। विजय मिश्र को अतीक का बेहद करीबी माना जाता रहा है। चर्चा यहां तक थी कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद साबरमती जेल में बंद अतीक का जो ऑडियो वायरल हुआ था, उसमें जो बात हो रही थी वो विजय मिश्र से ही हो रही थी।
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