बाढ़ पीड़ितों के लिए दवाइयों के वितरण के साथ ही खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। इससे प्रतिदिन सैकड़ों बाढ़ पीड़ित लाभान्वित हो रहे हैं।
इन दिनों दिल्ली में यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति है। इससे नदी किनारे बसे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इनके सामने खाने-पीने और दवाई की बड़ी समस्या है। इसे देखते हुए नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) ने कई शिविर लगाए हैं। इनमें बाढ़ पीड़ितों के लिए दवाइयों के वितरण के साथ ही खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। इससे प्रतिदिन सैकड़ों बाढ़ पीड़ित लाभान्वित हो रहे हैं।
जबरन ईसाई बनाने पर पादरी को सजा
गत दिनों झाबुआ के सत्र न्यायाधीश लखनलाल गर्ग ने एक पादरी और उसके साथ कुछ अन्य लोगों को दो-दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही इन लोगों को 50,000 रु का दंड भी भरने का आदेश दिया गया। बता दें कि 2021 में गांव बिसौली के रहने वाले एक 26 वर्षीय युवक टेटिया, पिता हरू बारिया, ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उसने विस्तार से बताया था कि फादर जाम सिंह, मंगू और पास्टर अन सिंह गांव बिसौली में हर रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित करते हैं और उसमें जनजातियों को ईसाई बनाया जाता है।
टेटिया ने यह भी लिखा कि ‘26 दिसंबर, 2021 को सुबह आठ बजे जाम सिंह ने मुझे और एक महिला सुरती बाई को प्रार्थना सभा में बुलाया। वहां मुझ पर पानी का छिड़काव किया गया और बाईबिल पढ़ी गई। इसके बाद कहा गया कि यदि तुम ईसाई बन जाओगे तो परिवार के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा और ईसाई अस्पताल में परिवार के सभी लोगों का नि:शुल्क इलाज होगा’ लेकिन टेटिया ने ईसाई बनने से मना करते हुए पुलिस में शिकायत की। यह मामला न्यायालय पहुंचा और उसने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 और विधेयक 2021 की धारा 5 के अंतर्गत आरोपियों को सजा सुनाई।
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