यूके की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन कई मौकों पर कह चुकी हैं कि हमारे देश में सबसे बड़ा खतरा इस्लामी आतंकवाद है। अभी उन्होंने संसद में इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करके सारे आंकड़े सामने रखे थे। उन्होंने बताया था कि ये इस्लामी कट्टरपंथी न सिर्फ चोरी, डकैती करते हैं बल्कि ब्रिटेन की लड़कियों को नशे का आदी बनाकर बलात्कार और हत्या जैसे अपराध करते हैं।
इसमें संदेह नहीं है कि यूके में जिहादी सोच के इस्लामवादियों के हौसले बुलंद हैं और वे महिलाओं को सामने रखकर ‘विक्टिम कार्ड’ खेलकर सेकुलरों की सहानुभूतियां पाते रहे हैं। पिछले हफ्ते लंदन में गिरफ्तार किया गया पाकिस्तानी मूल का एक मौलवी बकिंघम पैलेस को मस्जिद बनाने की धमकी दे रहा था। इतनी हिमाकत होती जा रही है जहरीली सोच के इस्लामवादियों की कि, जिस देश ने उन्हें सहारा दिया उसमें ही आग लगाने से वे बाज नहीं आ रहे हैं। स्वीडन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी जैसे कितने ही उदाहरण सामने हैं।
लंदन में रह रहा पाकिस्तानी मूल का यह कट्टर मजहबी उन्मादी अंजम चौधरी एक प्रतिबंधित चरमपंथी गुट का सरगना रह चुका है। लंदन पुलिस द्वारा इस उन्मादी पर आतंकवाद के मामले दर्ज किए गए हैं। चौधरी पहले भी पांच साल जेल की हवा खा चुका है। इसी मौलवी ने ब्रिटेन के स्वाभिमान के प्रतीक शाही बकिंघम पैलेस को मस्जिद बना देने की बात की थी।
56 वर्षीय चौधरी प्रतिबंधित जिहादी संगठन अल-मुहाजिरान का नेता रह चुका है। पुलिस ने उसके विरुद्ध जो तीन आरोप लगाए हैं वे हैं, प्रतिबंधित गुट में शामिल होना, आतंकवादी गुट को संचालित करना और लोगों को प्रतिबंधित गुट को समर्थन देने के लिए उकसाने को कार्यक्रमों को संबोधित करना।
नागरिकता से ब्रिटिश जिहादी सोच के चौधरी को पुलिस ने पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार किया है। पुलिस के पास उसका कच्चा चिट्ठा है जिसके अनुसार यह जिहादी जिस आतंकवादी संगठन से जुड़ा है उसकी मदद भी करता है। 56 वर्षीय चौधरी प्रतिबंधित जिहादी संगठन अल-मुहाजिरान का नेता रह चुका है। पुलिस ने उसके विरुद्ध जो तीन आरोप लगाए हैं वे हैं, प्रतिबंधित गुट में शामिल होना, आतंकवादी गुट को संचालित करना और लोगों को प्रतिबंधित गुट को समर्थन देने के लिए उकसाने को कार्यक्रमों को संबोधित करना।
जैसा पहले बताया, जिहादी सोच के चौधरी को 2016 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी गुट इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में पकड़ा गया था। उसे साढ़े पांच साल की सजा हुई थी। लेकिन अभी आधी सजा भी नहीं पूरी हुई थी कि 2018 में छोड़ भी दिया गया। जेल से निकलने के बाद, कुछ दिन चुप रहा यह मौलवी दोबारा मजहबी कट्टरपंथी हरकतों में शामिल हो गया। 2016 में उसने अपनी गिरफ्तारी के कुछ दिन पहले ही अमेरिका पर 9/11 के आतंकी हमले करने वाले जिहादियों की तारीफों के पुल बांधे थे।
लेकिन अब जब इस पाकिस्तानी मूल के मौलवी ने ब्रिटिश स्वाभिमान के प्रतीक बकिंघम पैलेस को मस्जिद बनाने जैसी बकवास की तो पुलिस हरकत में आ गई। इस मौलवी को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया।
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