पाकिस्तान में 21 जुलाई को एसआई मुहम्मद अफजल नवाज ने बगदादुल जदीद पुलिस की पिकेट पर एक कार को रुकने का इशारा किया। पुलिस देखकर कार में बैठा आदमी भागने लगा। जब उसे पकड़ा गया तो पता चला कि वह इस्लामिया यूनिवर्सिटी बहावलपुर का मुख्य सुरक्षा अधिकारी सैयद एजाज हुसैन शाह है और मुहम्मदिया कॉलोनी, बहावलपुर का रहने वाला है। उसकी गाड़ी से ड्रग्स बरामद हुई। उसके दो फोन से आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए और उसने यह माना कि यह वीडियो उसकी यूनिवर्सिटी के तमाम अधिकारियों और पढ़ने वाली लड़कियों के हैं। नेशनल असेंबली ऑन एजुकेशन की स्थायी समिति ने इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अतहर महबूब के गिरफ्तारी वारंट जारी करने का निर्देश दिया है।
पाकिस्तान में हजारों छात्राओं के यौन शोषण की इस घटना को लेकर हंगामा मचा हुआ है। सोशल मीडिया की मानें या यूट्यूब की मानें तो लगभग 5500 लड़कियों की यह कहानी है। एसआई अफजल नवाज की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर के अनुसार उन्होंने बगदादुल जदीद पुलिस की पिकेट पर एक कार को रोका। जैसे ही कार को रोका गया वैसे ही कार में बैठे सवार ने भागने की कोशिश की। मगर वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने संदेह होने पर कार की तलाशी ली और उसके पास से दस ग्राम ड्रग्स और कामोत्तेजक दवाइयां मिलीं। जब उसके फोन की तलाशी ली गयी तो पुलिस के होश उड़ गए और उन्हें उसमें आपत्तिजनक वीडियो एवं तस्वीरें मिलीं।
Dawn के अनुसार जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने यह स्वीकार किया कि वह ड्रग्स का इस्तेमाल करता है और बेचता है और साथ ही यह तस्वीरें और वीडियो यूनिवर्सिटी की छात्राओं एवं महिला कर्मियों के हैं। पाकिस्तान में इस समाचार के बाद हंगामा बरपा हुआ है, क्योंकि सोशल मीडिया पर अब कोई 55,00 लड़कियों की बात कर रहा है तो कोई 12,000 लड़कियों की। सोशल मीडिया के अनुसार एजाज हुसैन पिछले सात वर्षों से उस यूनिवर्सिटी में कार्य कर रहा था। बगदादुल जदीद के एसएचओ आबिद हमीद ने बताया कि पुलिस ने एजाज शाह की कार को खुफिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पकड़ा था।
वहीं इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी बाजार गर्म है और लोग इस घटना के विषय में बात कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि यह कहानी 5500 लड़कियों की है। इसके अनुसार एजाज के पासा दो मोबाइल में 5500 पोर्नोग्राफिक वीडियो और यूनिवर्सिटी की लड़कियों की तस्वीरें हैं। यह भी चर्चा है कि आरोपी और एक विभागाध्यक्ष ने यूनिवर्सिटी में एक गैंग बनाया हुआ है और वे अपने पद का प्रयोग करके लड़कियों को शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए ब्लैकमेल करते हैं और फिर बाद में नम्बरों के लिए और पास होने के लिए उन्हें नग्न वीडियो और तस्वीरों द्वारा ब्लैकमेल करते हैं।
दरअसल यह गिरफ्तारी पहली नहीं थी। Dawn के अनुसार 28 जून को बगदाद-उल-जदीद पुलिस ने एक पिकेट से आईयूबी के ट्रेज़रर को गिरफ्तार किया था और यह दावा किया कि उसके पास से ड्रग्स बरामद हुई है। पुलिस की एक रिपोर्ट भी यह दावा करती है कि यूनिवर्सिटी के ही कुछ टीचर्स का एक समूह ड्रग्स की खरीद फरोख्त में और छात्राओं एवं महिला कर्मियों के यौन शोषण में संलिप्त है।
इसी रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि ट्रेज़रर ने यह कबूल किया कि वह अन्य टीचर्स के साथ मिलकर छात्रों के माध्यम से ड्रग्स खरीदता और वितरित करता था और डांस/सेक्स पार्टियों की व्यवस्था करता था। और पुलिस ने बताया कि वह समूह यह तमाम गतिविधियाँ यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रभारी के साथ मिलकर करता था। पुलिस ने फिर बगदादुल जदीद की एक पिकेट से सुरक्षा प्रमुख को 21 जुलाई को पकड़ा और उसके पास से ड्रग्स मिलीं और फिर नारकोटिक्स सब्सटेंस एक्ट, 1997 की धारा 9(2)1 के तहत मामला दर्ज किया गया।
वहीं पुलिस की इस कार्रवाई के बाद इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर डॉ अतहर महमूद ने आईजीपी से अनुरोध किया कि वह गिरफ्तारियों की उच्च समिति से जांच कराएं। उन्होंने पुलिस को भेजे गए पत्र में लिखा कि यूनिवर्सिटी नशे के खिलाफ बहुत ही कठोर नीति का पालन करती है और उनके अधिकारियों की झूठी गिरफ्तारियां की गयी हैं। इस्लामिया यूनिवर्सिटी बहावलपुर के लीगल एडवाइजर ने लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश देने का अनुरोध किया है क्योंकि कार्यवाही यूनिवर्सिटी के खिलाफ है। इसी बीच इन गिरफ्तारियों को लेकर जांच पैनल का भी गठन हो गया है। दक्षिण पंजाब के उच्च शिक्षा विभाग (HED) सचिव ने एक कमेटी का गठन किया है जिसे तीन दिनों में उत्तर देना है।
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