तिब्बत: मां-बाप से दूर किए जा रहे बच्चे, कम्युनिस्ट शासन जबरन भेज रहा 'हॉस्टल'
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

तिब्बत: मां-बाप से दूर किए जा रहे बच्चे, कम्युनिस्ट शासन जबरन भेज रहा ‘हॉस्टल’

ल्हासा और आसपास के तिब्बती नगरों में रह रहे मूल तिब्बती परिवारों से चार से छह साल के बच्चों को उनके परिवारों से दूर करके छात्रावासों में रखा जा रहा है। वजह साफ है, उन्हें ऐसे स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है, जहां उनके अंदर का बचा—खुचा तिब्बतपन ही कुचल दिया जाएगा

by WEB DESK
Jul 17, 2023, 05:50 pm IST
in विश्व
Representative Image

Representative Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सन् 1950 के दशक में स्वतंत्र देश तिब्बत पर जबरन कब्जा जमाने वाले कम्युनिस्ट देश चीन ने समय के साथ तिब्बत के धर्म, संस्कृति, मूल्य आदि को कुचलने के भरसक प्रयास किए हैं। बीते 74 साल में तिब्बत के लोगों पर ऐसा दमन किया है कि वे वहां से पुरखों की जमीन छोड़कर पलायन करते रहे हैं। दलाई लामा ने भारत में शरण ली तो शेष तिब्बती जो निकल सकते थे, निकलकर आज दुनिया के अन्य देशों में अपने धर्म और संस्कारों को संजोए हुए हैं। लेकिन सबके मन में एक आस रही है कि अपनी धरती फिर लौटें।

तिब्बती धर्म—संस्कृति पर अपने दमन चक्र के अंतर्गत चीन ने बौद्धों की नई पीढ़ी को शुरू से ही उनके संस्कारों से अलग करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, तिब्बत में हान चीनियों को बसाना शुरू कर दिया जिससे तिब्बती की अपनी आनुवांशिक विशेषता ही खत्म हो जाए।

चीन की कम्युनिस्ट नीतिकार मानते हैं कि तिब्बती समाज को काबू में करने के लिए उसकी नई पीढ़ी को अपने शिकंजे में लेना जरूरी है और शुरू से ही उसमें हान संस्कृति के बीज रोपना जरूरी है। जिस स्कूल में उन बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है उसमें भी कथित तौर पर ऐसी ही शिक्षा दी जानी है जो उन्हें उनकी मूल संस्कृति से विमुख कर देगी।

अब ताजा समाचार यह है कि तिब्बत में चीन ने नई पीढ़ी पर अपना शिकंजा और कसना शुरू किया है। ल्हासा और आसपास के तिब्बती नगरों में रह रहे मूल तिब्बती परिवारों से चार से छह साल के बच्चों को उनके परिवारों से दूर करके छात्रावासों में रखा जा रहा है। वजह साफ है, उन्हें ऐसे स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है, जहां उनके अंदर का बचा—खुचा तिब्बतपन ही कुचल दिया जाएगा। तिब्बत की भाषा, संस्कृति, संस्कार, धर्म ​आदि का लेशमात्र भी उनमें न रहने पाए, इसकी शासकीय व्यवस्था की गई है। उधर वे परिवार बेहाल है कि उनके बच्चों को उनकी इच्छा के विरुद्ध जबरन घर से, मां—बाप से अलग किया जा रहा है; उन्हें चीनी संस्कारों में ढाला जा रहा है, जिसे वे बच्चे घुट्टी में ही अपने ‘शत्रु’ की तरह देखते आए थे। तिब्बत के अहिंसा प्रेमी नागरिक आगे हिंसक चीनी मनोवृत्ति नहीं दर्शाएंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है।

इस विषय पर इटली की ‘बिटर विंटर’ पत्रिका ने अपने यहां प्रकाशित किया है। चीन की कम्युनिस्ट नीतिकार मानते हैं कि तिब्बती समाज को काबू में करने के लिए उसकी नई पीढ़ी को अपने शिकंजे में लेना जरूरी है और शुरू से ही उसमें हान संस्कृति के बीज रोपना जरूरी है। जिस स्कूल में उन बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है उसमें भी कथित तौर पर ऐसी ही शिक्षा दी जानी है जो उन्हें उनकी मूल संस्कृति से विमुख कर देगी। दरअसल चीनी सत्ता ने 2016 से यह नीति आरम्भ की हुई है कि 4—4 साल के बच्चों को उनके परिवार से अलग करके ‘रेसीडेंशियल स्कूलों’ में डाला जाता है।

Topics: boddhlhasaIndiaकम्युनिस्टChinaतिब्बतhanचीनbeijingtibetdalailama
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं गए

BRICS से गायब शी जिनपिंग, बीजिंग में राष्ट्रपति Xi Jinping के उत्तराधिकारी की खोज तेज, अटकलों का बाजार गर्म

DU के सिलेबस में बदलाव

DU के सिलेबस में बदलाव: अब पढ़ाया जाएगा सिखों की शहादत, हटाए गए इस्लाम-चीन-पाक चैप्टर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

kanwar yatra delhi

कांवड़ यात्रा 2025: मीट-मछली की दुकानें बंद, आर्थिक मदद भी, दिल्ली में UP वाला एक्शन

Punjab Khalistan police

पंजाब: पूर्व सैनिक गुरप्रीत सिंह गिरफ्तार, ISI को दे रहा था भारतीय सेना की खुफिया जानकारी

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

Guru Purnima

Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा पर इन संस्कृत श्लोकों के साथ करें अपने गुरु का आभार व्यक्त

Kolhapuri Slippers Dispute

कोल्हापुरी चप्पल विवाद: चोरी की ये कहानी है पुरानी

प्रतीकात्मक तस्वीर

फ्री इलाज के लिए बनवाएं आयुष्मान कार्ड, जानें जरूरी डाक्यूमेंट्स और पूरा प्रोसेस

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies