चंद्रयान-3 आज लॉन्च हो गया है। लॉन्च के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का तीसरा चंद्रयान मिशन शुरू हो गया। अगले 42 दिनों में 30,00,00 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए यह चंद्रमा तक पहुंच जाएगा। उम्मीद है कि 23 या 24 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। हालांकि यह तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है।
चंद्रयान-3 से लॉन्चिंग से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के चंद्र मिशनों के महत्व को रेखांकित करते हुए चंद्रयान-3 के लिए शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने कहा था कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई, 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3 हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा शुरू करेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे देश की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।
जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 को 615 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है, जो करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में कुल मिलाकर छह पेलोड्स जा रहे हैं।
चंद्रयान-3 मिशन क्या है?
चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, यह चंद्रमा की सतह पर उतरकर उसका परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में कुल छह पेलोड्स जा रहे हैं। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। इसमें नए उपकरण का उपयोग किया गया है ताकि इस मिशन को सफलता मिल सके। बताया जा रहा है कि इसमें उन पर फोकस किया गया है। जिसकी वजह से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह नहीं उतर पाया था।
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