इस बार बकरीद पर पश्चिमी व यूरोप तथा मुस्लिम देशों में तब ठन गई जब स्वीडन में वहां की सबसे बड़ी अदालत ने कुरान जलाने की मांग को खारिज नहीं किया और सबके सामने कुरान जलाई गई। इस घटना के बाद, स्वाभाविक रूप से दुनियाभर मुस्लिम देश भड़के हुए हैं। अनेक इस्लामी देशों में इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन हुए हैं। इतना ही नहीं, मुस्लिम देशों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ओआईसी ने भी जेद्दा में आपात बैठक करके घटना का विरोध किया और स्वीडन को चेतावनी दी।
उल्लेखनीय है कि अभी चार दिन पहले बकरीद थी और इसी दिन स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में एक मस्जिद के सामने खुलेआम कुरान जलाकर कट्टर उन्मादी सोच का विरोध जताया गया। हालांकि स्वीडन की सरकार ने घटना को निंदनीय तो बताया लेकिन साथ ही कहा कि यह गैरकानूनी नहीं थी।
स्टाकहोम में ईद—उल—अजहा के मौके पर कुरान जलाने की घटना तूल पकड़ी गई और गत रविवार को जेद्दा में इस्लामी देशों के गुट ओआईसी ने विशेष बैठक करके स्वीडन में हुए उस कृत्य पर अफसोस जताते हुए, ऐसा’फिर न किया जाए’ की चेतावनी जारी कर दी। दुनियाभर में अनेक मुस्लिम देशों ने अपने यहां के स्वीडन के राजदूत को तलब करके घटना पर अपनी नाराजगी से अवगत कराया है। इधर पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए गए।
इराक के एक मौलवी ने हजारों प्रदर्शनकारियों को लेकर अपने यहां के स्वीडिश दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। ईरान के विदेश मंत्री होसैन तो इस घटना के पीछे सीधे स्वीडन सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। ईरान ने साफ कहा कि इस घटना के प्रति विरोध दर्ज कराते हुए वह स्वीडन में अपना नया राजदूत नहीं भेजेगा।
एक बड़ा दिलचस्प बयान स्वीडन के विदेश मंत्रालय का आया जिसमें उसने कहा कि घटना को स्वीडिश सरकार से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। स्वीडन का यह बयान ओआईसी के ‘आगे ऐसा न हो’ की ‘सलाह’ के और इस जैसी घटनाओं पर लगाम कसने की मांग के बाद आया है।
इस घटना पर इराक के एक मौलवी ने हजारों प्रदर्शनकारियों को लेकर अपने यहां के स्वीडिश दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। ईरान के विदेश मंत्री होसैन तो इस घटना के पीछे सीधे स्वीडन सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। ईरान ने साफ कहा कि इस घटना के प्रति विरोध दर्ज कराते हुए वह स्वीडन में अपना नया राजदूत नहीं भेजेगा।
अमेरिका की सरकार ने भी इस घटना की ‘निंदा’ की है। जबकि सऊदी अरब ने कहा कि ऐसी निंदनीय हरकतें बार-बार हो रही हैं, ये स्वीकार नहीं की जा सकतीं। तुर्किए का कहना है कि स्वीडन में जो हुआ वह निंदा योग्य था। तुर्किए कभी किसी धमकी या उकसावे के सामने नहीं झुकेगा।
उधर मोरक्को ने नाराजगी स्वरूप स्वीडन से अपने राजदूत को ही अनिश्चित काल के लिए स्वदेश बुला लिया है। जॉर्डन ने भी अपने यहां स्वीडन के राजदूत को बुलाकर हुए अपना विरोध दर्ज कराया। तो कुवैत, यमन, सीरिया, यूएई तथा कतर ने भी स्वीडन की घटना पर रोष प्रकट किया है।
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