पंजाब में ड्रग्स न मिलने पर एक युवक ने न केवल अपनी मां की हत्या कर दी, बल्कि उसकी लाश खुर्दबुर्द करने के लिए उसके टुकड़े कर तल दिया। वहीं, छोटे भाई की हत्या कर बाल काट दिए, ताकि लाश की पहचान न हो और लाश को ड्रेन में फेंक दिया।
घटना पंजाब के पटियाला जिले के पातड़ां कस्बे के गांव कांगथला की है, जहां एक नशेड़ी युवक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपनी मां व सौतेले भाई पर लोहे के सबल से वार करके कत्ल कर दिया। वारदात के बाद अपराध छिपाने के लिए आरोपी ने मां की लाश के टुकड़े-टुकड़े करके तेल में डालकर इसे तल कर घर में ही जला दिया, जबकि भाई की लाश को पास पड़ती कैथल-खन्नौरी ड्रेन में फेंक दिया। मृतकों की पहचान परमजीत कौर (50) और जसविंदर सिंह (20) के तौर पर हुई है। आरोपियों में परमजीत कौर का बड़ा बेटा गुरविंदर सिंह उर्फ गिंदा (28) व उसके दो दोस्त रजिंदर सिंह उर्फ राजा व रणजीत सिंह उर्फ राणा शामिल हैं।
थाना शुतराणा इंचार्ज मनप्रीत सिंह ने बताया कि रात करीब दो बजे गश्त के दौरान वह पुलिस पार्टी के साथ सागरा पुल पर मौजूद थे। इसी दौरान गांव कांगथला निवासी भगवान सिंह ने पुलिस टीम को जानकारी दी कि उसके ताया की बेटी परमजीत कौर गांव कांगथला में ही ब्याही हुई है। परमजीत के पड़ोसी प्रह्लाद सिंह ने उसे फोन करके बताया है कि उसकी बहन के घर से धुआं उठ रहा है और कुछ जलाए जाने की भी बदबू आ रही है। इस पर जब वह गांव के कुछ गणमान्य लोगों के साथ अपनी बहन के घर पहुंचा, तो वहां परमजीत कौर व उसका छोटा बेटा मौजूद नहीं थे। उन्हें देखते ही घर से गुरविंदर सिंह अपने दोनों दोस्तों के साथ मौके से फरार हो गया। शक होने जब भगवान सिंह व अन्य लोगों ने आसपास देखा, तो घर में खून के धब्बे थे और कुछ जली हुई हड्डियां व कपड़े एक कोने में पड़े थे। इसके आधार पर तुरंत पुलिस टीम मौके पर गई और भगवान सिंह के बयान दर्ज करके मृतक परमजीत कौर के कंकाल को बरामद कर लिया।
आरोपियों ने अमृतधारी जसविंदर सिंह के केसों को काटने के बाद उसकी लाश को ड्रेन में फेंका, ताकि पहचान न हो सके। यही वजह है कि कुछ दिन पहले जब उसकी लाश बरामद हुई, तो खन्नौरी पुलिस ने इसे 72 घंटे शवग्रह में रखा। लेकिन पहचान न होने के बाद 28 जून को शव का संस्कार करा दिया था।
पुलिस के मुताबिक आरोपी गुरविंदर सिंह नशे की बुरी लत का शिकार था। इसी वजह से उसकी पत्नी भी उसे छोडक़र चली गई थी। मां व छोटा भाई उसके नशे करने का विरोध करते थे। नशे के लिए आरोपी अपनी मां से पैसे मांगता था, लेकिन वह मना करती थी। जिसे लेकर भी अकसर लड़ाई-झगड़ा रहता था। जानकारी के मुताबिक 23 जून से परमजीत कौर व उसका बेटा गांव में दिखाई नहीं दे रहे थे। जिससे पता लगता है कि आरोपियों ने वारदात को कईं दिन पहले अंजाम दिया था। जिसका खुलासा अब जाकर हुआ है। राज्य में नशों के चलते घरेलू झगड़ों, अपराधों व खुलेआम नशा लेने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पर दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित करवा कर राज्य को नशामुक्त होने के दावे कर रहे हैं।
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