पड़ोसी देश पाकिस्तान में एक ही महीने के अंदर दो खिलाड़ियों की जान जाने का समाचार सामने आया है। ताजा जानकारी के अनुसार, एशियाई अंडर-21 प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने वाले माजिद अली ने फैसलाबाद में अपने गृहनगर में आत्महत्या कर ली है।
पुलिस का कहना है कि 28 साल का खिलाड़ी माजिद अली कथित तनाव से गुजर रहा था। बताया गया है कि माजिद ने लकड़ी चीरने वाली मशीन से अपनी जिंदगी खत्म कर ली। उल्लेखनीय है कि माजिद पाकिस्तान के लिए अनेक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुका था, वह राष्ट्रीय स्तर के चोटी के खिलाड़ियों में से माना जाता था।
माजिद की आत्महत्या से जहां पाकिस्तान के स्नूकर प्रेमी आहत हैं वहीं माजिद का परिवार भी हैरान—परेशान है। माजिद के भाई उमर का कहना है कि माजिद बचपन से ही तनावग्रस्त रहा करता था। पिछले दिनों उसका यह रोग काफी बढ़ गया था। लेकिन उमर के अनुसार, उन्हें यह नहीं लगता था कि वह इस हद तक जाकर यह कदम उठा लेगा।
माजिद के ‘तनाव’ में होने की बात पर कई लोगों ने दबी जबान में पाकिस्तान में खिलाड़ियों से किए जाने वाले सौतेले व्यवहार को भी दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि बड़े अफसर अच्छे खिलाड़ियों को अपनी राजनीति का शिकार बनाकर उनके दिमाग पर बहुत ज्यादा तनाव डालते हैं।
अपने चोटी के खिलाड़ी माजिद की आत्महत्या पर पाकिस्तान बिलियर्ड्स एवं स्नूकर संघ के अध्यक्ष आलमगीर शेख का कहना है कि माजिद के जाने से उसके चाहने वाले बहुत दुखी हैं। माजिद एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी था। ऊर्जा से भरपूर यह युवा खिलाड़ी पाकिस्तान के लिए खेल जगत में नई उम्मीदें ले कर आया था। माजिद से बहुत उम्मीदें थी कि वह पाकिस्तान का नाम चमकाएगा। आलमगीर का कहना है कि पैसे के लिहाज से माजिद को कोई तंगी नहीं थी।
हैरानी की बात है कि पाकिस्तान में इस एक महीने में ही दो खिलाड़ी दुनिया छोड़ गए हैं। माजिद दूसरे स्नूकर खिलाड़ी हैं जिसने जान दी है। अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय स्नूकर खिलाड़ी मोहम्मद बिलाल की भी हृदय गति रुकने से मृत्यु हुई थी। बिलाल का स्नूकर खेल में पाकिस्तान का कद बढ़ाने में योगदान माना जाता है। इस खेल में मोहम्मद यूसुफ तथा मोहम्मद आसिफ के साथ ही कई अच्छे खिलाड़ी उभरे हैं। इन खिलाड़ियों ने पाकिस्तान को विश्व चैंपियनशिप तथा एशियाई चैंपियनशिप में मेडल जितान में मदद की है।
माजिद के ‘तनाव’ में होने की बात पर कई लोगों ने दबी जबान में पाकिस्तान में खिलाड़ियों से किए जाने वाले सौतेले व्यवहार को भी दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि बड़े अफसर अच्छे खिलाड़ियों को अपनी राजनीति का शिकार बनाकर उनके दिमाग पर बहुत ज्यादा तनाव डालते हैं। माजिद जब खेल में इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, तो उसे और किसी चीज से शायद इतना तनाव नहीं रहा होगा जितना खेल अधिकाारियों का अक्खड़ रवैया उसे परेशान करता होगा।
टिप्पणियाँ