पोर्टलैंड। पर्यटकों को टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने के लिए अटलांटिक महासागर में उतरी टाइटन पनडुब्बी हादसे का शिकार हो गई थी। टाइटन पनडुब्बी का मलबा महासागर से निकाल लिया गया है। सेंट जान्स, न्यूफाउंडलैंड और लेब्राडोर में बंदरगाहों पर आया मलबा इस बात की जांच में अहम साबित होगा कि पनडुब्बी में विस्फोट कैसे हुआ, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गयी थी।
कनाडाई पोत होराइजन आर्कटिक ने पनडुब्बी के अवशेष खोजने के लिए टाइटैनिक के मलबे के पास समुद्री सतह में दूर से संचालित वाहन (आरओवी) से जांच की।
आरओवी के स्वामित्व वाली कंपनी पेलागिक रिसर्च सर्विसेस ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने पड़ताल पूरी कर ली है। उसने कहा कि उसका दल अभी मिशन पर है और टाइटन के बारे में चल रही जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। इस काम में अमेरिका और कनाडा की अनेक सरकारी एजेंसियां शामिल हैं।
अमेरिकी तटरक्षक ने गत शुक्रवार को बताया था कि पनडुब्बी का मलबा समुद्र के भीतर टाइटैनिक जहाज के मलबे से सैकड़ों फुट दूर 12,500 फुट की गहराई पर मिला। पनडुब्बी में सवार लोग टाइटैनिक के मलबे को देखने गए थे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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