श्री बदरीनाथ धाम की नगरी में चेतावनी जारी की गई है कि यहां बकरीद की नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी। न ही यहां पशु वध करने दिया जाएगा। इस घोषणा से प्रशासन हरकत में आ गया है। लेकिन यह चेतावनी जारी करने वाले श्री बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहित संगठन, पंडा समाज और स्थानीय होटल एसोसिएशन ने पुलिस-प्रशासन के साथ हुई बैठक में भी साफ कर दिया है कि हनुमान चट्टी से ऊपर ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। अगर मुस्लिम समाज ऐसा कुछ करेगा तो आंदोलन किया जाएगा।
उत्तराखंड में पुरोला की घटना के बाद से देवभूमि के देवालय तीर्थ स्थलों में गैर हिंदू लोगों के लिए मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। उत्तरकाशी जिले के बाद अब चमोली जिले में स्थानीय हिंदू संगठन, तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज देवालय क्षेत्रों में गैर हिंदू का प्रवेश नहीं चाहते हैं। जोशीमठ से ऊपर बड़ी संख्या में मुस्लिम श्रमिक सड़क और पावर प्रोजेक्ट के कामों में लगे हुए हैं, जिन्हें बकरीद पर नमाज और पशु कुर्बानी देने की परंपरा निभानी है। इसे लेकर प्रशासन को व्यवस्था बनानी है। इधर श्री बद्रीनाथ धाम से हनुमान चट्टी तक स्थानीय पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित संगठन और होटल एसोसिएशन ने साफ कह दिया है कि हिंदू तीर्थ स्थल को दूषित करने का कोई भी प्रयास सहन नहीं किया जाएगा।
पंडा समाज के अशोक टोडरिया, राजेश पालीवाल, होटल एसोसिएशन के राजेश मेहता के साथ पुलिस-प्रशासन की बैठक भी हुई, जिसमें पुलिस- प्रशासन को साफ कहा गया है कि मुस्लिम समाज को जो कुछ भी करना है कि वो हनुमान चट्टी से नीचे करें। श्री बद्री की नगरी में यदि कोई ऐसा प्रयास करेगा तो हम आंदोलन करेंगे। उधर जोशीमठ में भी भगवान शंकराचार्य मठ के परिसर में बने मैदान में ईद की नमाज पढ़ाए जाने का भी विरोध शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि अभी तक प्रशासन मुस्लिम समाज को यहीं मैदान में नमाज पढ़े जाने की अनुमति देता आया है, जिसपर अब हिंदू संगठनों ने एतराज जताया है।
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