सीएम योगी ने कहा कि संस्कृति यानी बीज का पनप जाना और फल फूलकर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है, लेकिन बीज का सड़ जाना, गल जाना यह उसकी विकृति है। संस्कृति पर हमला बीज को गलाने और सड़ाने के लिए किया जाता है, जो सबसे खतरनाक है। मुगल इस देश में तब तक आराम से शासन करते रहे जब तक उन्होंने मंदिरों पर हमला नहीं किया, जब उन्होंने मंदिरों पर हमला करना शुरू किया तो उनका पतन होना शुरू हो गया। सुनने में आता है कि औरंगजेब के वंशज कोलकाता में रिक्शा चला रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के सभी देशों की अपनी विशिष्ट पहचान है। उदाहरण स्वरूप हम फ्रांस को देखें तो कला उसकी पहचान है। ब्रिटेन अपने व्यावसायिक हितों के लिए जाना जाता है। उसी तरह भारत की पहचान उसकी संस्कृति है। इसलिए कहा गया है- ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’ यानी संस्कृत और संस्कृति भारत की पहचान है। इसका मतलब है कि भारत अपनी संस्कृति के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज में कुछ भी नहीं परोसा जा सकता है। उसके भी कुछ नियम और कायदे हैं।
सीएम ने कहा कि देवासुर संग्राम धर्म-अधर्म, सत्य-असत्य और न्याय-अन्याय के बीच ही हुआ था। हर कालखंड में अच्छे और बुरे लोग रहे हैं। आज संस्कृति पर अलग-अलग माध्यमों से हमले हो रहे हैं। महत्वपूर्ण यह है कि अच्छे लोग संस्कृति बचाओ अभियान का हिस्सा बनें और लोगों को जागरूक करें। सामान्य व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय में से औसतन 6-8 घंटा अपने मोबाइल पर खर्च करता है। अगर वह अपना समय सही दिशा में कर रहा है तब तो ठीक है, नहीं तो वह पतन की ओर जा रहा है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा और उन्हें इस लायक बनाना होगा कि वह समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें।
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