काहिरा : भारत और मिस्र के बीच रविवार को काहिरा में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते पर भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने हस्ताक्षर किए। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान का दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी काहिरा में रविवार को अल हकीम मस्जिद भी गए। अल-हकीम मस्जिद मिस्र के काहिरा में 11वीं सदी का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। इसे भारत और मिस्र द्वारा साझा की गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का महत्व अल-हकीम मस्जिद का उल्लेखनीय जीर्णोद्धार है, जो दाऊदी बोहरा समुदाय के अटूट समर्पण और समर्थन के माध्यम से संभव हुआ है।
इस साल की शुरुआत में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति अल-सिसी की उपस्थिति के बाद पीएम मोदी की मिस्र यात्रा एक पारस्परिक संकेत के रूप में हुई है। राष्ट्रपति अल-सिसी की भारत यात्रा अत्यधिक सफल साबित हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देश अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत हुए। पीएम मोदी ने शनिवार को काहिरा में अपने मिस्र के समकक्ष मुस्तफा मदबौली के साथ एक गोलमेज बैठक की थी।
भारतीयों ने मिस्र में पीएम मोदी का किया शानदार स्वागत
मिस्र में उतरने के बाद प्रधानमंत्री काहिरा के एक होटल में जोरदार स्वागत और ‘वंदे मातरम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच पहुंचे। पीएम मोदी के स्वागत के लिए रिट्ज कार्लटन होटल में भारतीय समुदाय के कई सदस्य मौजूद थे। भारतीय प्रवासियों ने तिरंगा लहराकर और ‘मोदी-मोदी’, ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाकर अपना उत्साह प्रदर्शित किया। प्रवासी भारतीयों में कई बच्चे भी मौजूद थे। पीएम मोदी के स्वागत में कई लोगों ने भारतीय गीत भी गाए और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए।
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