श्रीनगर : राजभवन श्रीनगर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर घाटी की युवा पीढ़ी का भविष्य बंदूकों और पत्थरों में नहीं है, बल्कि विशाल भारतीय और वैश्विक बाजार उनकी प्रतिभा का इंतजार कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि कश्मीरी युवाओं को बंदूक और पत्थर सौंपने वाले कभी भी घाटी के युवाओं के शुभचिंतक नहीं थे। कश्मीरी युवाओं का भविष्य बंदूकों और पत्थरों में नहीं है। लैपटॉप उठाएं और आगे बढ़ें, क्योंकि बड़े अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कश्मीर में काफी बदलाव आया है। स्कूल बंद होने, हड़ताल के आह्वान और विस्फोटों पर नियंत्रण कर लिया गया है और कश्मीर घाटी में शांति का माहौल है। पिछले साल 1.88 करोड़ पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया था।
शाह ने कहा कि गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों ने कभी भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया। 70 साल तक यहां कभी पंचायत चुनाव नहीं हुए। बदलाव सुनिश्चित करने के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत है और यह इच्छाशक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव हों और लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर के हर गांव तक पहुंचे।
गृह मंत्री ने कहा कि पहली बार जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई छोटी-छोटी योजनाओं से फायदा हो रहा है। पिछले 70 वर्षों में किसानों को उनके खातों में कभी कोई पैसा नहीं मिला, लेकिन जम्मू-कश्मीर के 12.43 लाख किसानों को उनके खातों में सालाना 6000 रुपये मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं ने विदेशों में आलीशान घर खरीदे हैं और वे हर साल सर्दियां विदेश में बिताते हैं। शाह ने कहा कि आज कश्मीर में एम्स, आईआईएम और आईआईटी समेत शीर्ष संस्थान हैं, जिसका लाभ लोग उठा रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर कहा कि उन्होंने अपने-अपने तरीके से जी-20 शिखर सम्मेलन का स्वागत किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के व्यक्तिगत प्रयासों के कारण यह आयोजन एक बड़ी सफलता बन गया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर में जो बदलाव आया है, उसे वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए और जी-20 सबसे अच्छा मंच बन गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमीत शाह दो दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। इससे पहले उन्होंने जम्मू में एक जनसभा को संबोधित किया और डॉ. श्यामा मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। गृहमंत्री 24 जून को श्रीनगर के प्रताप पार्क में बलिदान स्तंभ का नींव पत्थर रखने के बाद दिल्ली लौट जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को देखते हुए शहर में हाई अलर्ट कर दिया गया है। पूरे शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 3 हजार सुरक्षाबलों को लगाया गया है। इनमें पुलिस, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
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