केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नाबार्ड से किसानों को अधिक लाभदायी के साथ-साथ पानी की कम खपत वाली फसलों, खासकर मोटे अनाज, दलहन और तिलहन की ओर अपना रुख करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की एक समीक्षा बैठक में यह बात कही। निर्मला सीतारमण ने कृषि-वित्त संस्थान नाबार्ड को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में ग्रामीण आय में सुधार के साथ जमीनी स्तर पर दक्षता और परिणाम सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की सलाह दी।
मंत्रालय के मुताबिक सीतारमण ने नाबार्ड को किसानों को मोटे अनाज के तहत आने वाले खेती के रकबे को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने और पहले से ही मोटे अनाज उगाने वाले किसानों के लाभ की रक्षा करने का भी निर्देश दिया। वित्त मंत्री ने बैठक के दौरान नाबार्ड को ग्रामीण ऋण बढ़ाने के लिए कदम उठाने के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों पर ध्यान देने और किसान उत्पादक संगठनों द्वारा जैविक उत्पादकों के एकत्रीकरण को सुविधाजनक बनाने को भी कहा।
उल्लेखनीय है कि चालू अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष 2023 में ‘श्री अन्न’ का उत्पादन और विपणन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है।
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