'भारत हमारी मां है हमें इसका कृतज्ञ होना चाहिए', संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोह में इंद्रेश जी का संबोधन
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘भारत हमारी मां है हमें इसका कृतज्ञ होना चाहिए’, संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोह में इंद्रेश जी का संबोधन

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इन्द्रेश कुमार ने कहा जो समाज में समरसता को जन्म देता है, वह स्वर्ग का अधिकारी है। हिन्दू समाज इस ओर अग्रसर है।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Jun 19, 2023, 11:11 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हरिद्वार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 98 वर्षों से राष्ट्र उत्थान एवं व्यक्ति निर्माण के कार्य में सतत् अविरल रूप से कार्य कर रहा है। कुशलता और सक्रियता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन करता रहता है। इसी श्रृंखला में अपने प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष 30 मई से 20 जून (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी से आषाढ़ शुक्ल द्वितीय) की प्रातः दीक्षान्त तक सरस्वती शिशु / विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मेल सेक्टर आयोजित किया गया।

रानीपुर, हरिद्वार के इस परिसर में अपने इस वर्ग में कुमांऊ तथा गढ़वाल के सुदूर क्षेत्रों से इस 20 दिवसीय साधना रूपी प्रशिक्षण को प्राप्त करने के लिए अपने स्वयं के व्यय से स्वयंसेवक आए हैं। अपने इस प्रशिक्षण वर्ग में संघ की रचनानुसार 26 जिलों के नगर, खंड, बस्तियों से कुल 365 शिक्षार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिसमें 241- विद्यार्थी, 33 अध्यापक एवं 91- व्यवसायी हैं । शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देने हेतु 56 शिक्षक और 104 व्यवस्था के बन्धु सम्मिलित हैं | अपने इस वर्ग में 82 खंडों के 153 गांव 61 नगरों की 132 बस्तीयों, 269 शाखाओं व 15 मिलन का प्रतिनिधित्व हुआ है । अपने इस वर्ग की दिनचर्या सुबह 4:00 बजे से प्रारम्भ होकर रात्रि 10:00 बजे तक होती है । जिसमें सुबह 2 घंटा 15 मिनट एवं सायं को 1 घंटा 35 मिनट का संघ स्थान, जहां शरीर को साधने एवं अनुशासन के लिए शारीरिक प्रशिक्षण तथा दोपहर में बौद्धिक प्रशिक्षण सम्मिलित है। अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं ने 9000 परिवारों से सम्पर्क किया जिसका परिणाम यह हुआ कि प्रतिदिन 225 परिवारों से रोटियां वर्ग में साधना कर रहे शिक्षार्थीयों को भेजी जाती रही।

संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. चिन्मय पाण्ड्या प्रति कुलपति सामाजिक संगठन किसी भी राष्ट्र के विकास के अनिवार्य अंग हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्पण भाव से समाज सेवा के काम में लगा हुआ है। जिसके फलस्वरूप आज भारत सम्पूर्ण विश्व में मार्गदर्शन करने की भूमिका में आया है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इन्द्रेश कुमार ने कहा भारत हमारी मां है, हमें इसके प्रति कृतज्ञ रहना चहिए । जो समाज में समरसता को जन्म देता है । वह स्वर्ग का अधिकारी है हिन्दू समाज इस ओर अग्रसर है। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी मातृ भूमि से बढ़ कर कुछ नहीं है। धरती के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि संघ छुआछूत और भेदभाव को पाप मानता है। संघ वो चीजें देता है, जो चीजें पूरी दुनिया में कहीं भी खरीदने से नहीं मिलतीं। कहा कि पैसे से जरूरत की चीजें तो मिल जाती हैं। लेकिन संस्कार नहीं मिलते हैं। उन्होंने कहा संघ की शाखा संस्कारों के निर्माण की अभिनव पद्धति है। शाखा में नियमित आने वाले प्रत्येक स्वयंसेवक का जीवन अपने आप अनुशासित हो जाता है। वह अपने से अधिक राष्ट्र को महत्त्व देने लगता है। शाखा में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होते हैं और उन कार्यक्रमों में भाग लेने से स्वयंसेवकों के भीतर कार्यकर्ता का गुण विकसित होता है।

मानसिक, बौदधिक और शारीरिक रूप से दक्ष होने का हर प्रशिक्षण संघ की शाखा में होता है। इसलिए स्वयंसेवकों को प्रतिदिन शाखा जाना चाहिए। महज 4 से 6 घंटे की नींद और शेख की आवाज के साथ सुबह 4 बजे स्वयंसेवकों का जागरण। फिर सुबह 5 बजे से मैदान में कठिन शारीरिक अभ्यास । गजब का अनुशासन और प्रत्येक गतिविधियों को सीखने की अद्भुत ललक, कुछ ऐसा ही है। उन स्वयंसेवकों की दिनचर्या जो राष्ट्र सेवा के लिए अपने महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़कर प्रथम वर्ष के 20 दिवसीय प्रशिक्षण में पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि संघ का काम पहले भी व्यक्ति निर्मित ही था और आज भी यही है। पहले हम जब अपने संघ के श्रेष्ठ विचार को समाज में रखते थे तो लोग इसे व्यवहार से अलग और दकियानूसी धारणाएं देखते थे आज समय और नाटकीय रूप से बदला है। लोगों में संघ की गारंटी और विश्व भर में विश्वास है। उन्होंने कहा कि हम शक्तिशाली हैं। हमारा समाज शक्तिशाली है।कार्यकर्ता अपने आचरण, जीवन एवं कृत्य से समाज को भरोसे में लिया, इसकी वजह से संघ की पहचान समाज में स्थापित हुई। उन्होंने कहा कि समस्या कभी-कभी विकराल रूप धारण कर लेती है। संघ के लोगों से समाज को अपेक्षा है कि समस्याओं के समाधान के प्रति वे आगे आएं।

उन्होंने कहा अब संघ शाखा से बाहर किसी भी सामाजिक जीवन में प्रभावी भूमिका निभा सकता है। समाज में ऐसा विश्वास जागृत हुआ है। उन्होंने सामाजिक समरसता बनाए रखने पर भी बल दिया। स्वयंसेवक एक घंटे की नियमित और नित्य शाखा जाएं एवं हर स्वयंसेवक वर्ष में न्यूनतम एक स्वयंसेवक अवश्य बनाएं। तभी हमारा समाज श्रेष्ठ, शक्ति संपन्न एवं नैतिक मूल्यों से युक्त होगा। उन्होंने इस सत्र में कार्यकर्ताओं का जीवन कैसा हो’ विषय पर प्रकाश डाला। कहा कि स्वयंसेवक समाज को स्वच्छ और शक्ति संपन्न बनाने की दिशा में अग्रणी रहते हैं। उन्होंने कहा संघ समान नागरिक संहिता का समर्थक है । जो लोग इसका विरोध करते हैं वे देश को तोडना चाहते हैं। समान नागरिक कानून देश की जनता को एक रखने में सहयोगी बनेगा। पुरोला जैसी घटना दुर्भाग्य पूर्ण है जैसे लड़की के 15 टुकड़े मिलना यह प्रेम नहीं हो सकता नाम बदलकर प्रेम नहीं केवल मक्कारी एवं वासना होती है।

संविधान भी सभी को अपने धर्म के पालन करने का आग्रह करता है। संविधान की मूल भावना सभी को साथ लेकर चलने की है. संघ इसका समर्थन करता है। कुछ लोग राम मंदिर निर्माण के लिए चन्दा नहीं देते अपने आप को पंथनिपेक्ष बताते हैं और हज कमेटी को 35 करोड़ का चन्दा देते हैं तब इनकी पंथनिपेक्षता कहां समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा संघ कट्टपंथी विचारधारा का विरोधी है, डॉ. हेडगेवार और संघ जन्मजात देश भक्त है संघ एक देश भक्ति का आन्दोलन है। संघ शताब्दी वर्ष तक 6 लाख गांव 6 लाख मोहोल्लों में अपने स्वयंसेवक निर्माण में संकल्पित है तथा 1 लाख स्थानों पर प्रत्यक्ष संघ शाखा लगे इसके लिए प्रयत्नशील है। विश्व में जहां भी हिन्दू है वहां संघ का सम्पर्क हो यह शताब्दी वर्ष का लक्ष्य है। संघ का उद्देश्य संम्पूर्ण विश्व में भारतीयता का प्रचार, समाजिक समरसता, सद्धभाव का है ।

वर्ग के सर्व व्यवस्था प्रमुख अनुज त्यागी जी द्वारा सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

Topics: इन्द्रेश कुमारRSSuttarakhand newsराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघउत्तराखंड समाचारHaridwar News
Share34TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies