अमदाबाद। बिपरजॉय समुद्री चक्रवात की आउटर लाइन गुजरात के समुद्री तट से जुड़ने के बाद तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो चुका है। द्वारिका, कच्छ और पोरबंदर में मूसलाधार बारिश शुरू हो चुकी है। समुद्र में पानी उफनने से यह तट से बाहर तक फैल चुका है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात गुरुवार रात 9 बजे से 10 बजे के बीच कच्छ जिले के जखौ बंदरगाह के समीप टकराएगा। इसके बाद 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि बिपरजॉय चक्रवात की गति में पिछले कुछ घंटे में कमी दर्ज़ हुई है। मौसम विभाग के अनुसार गति में कमी आने के कारण चक्रवात के अब गुरुवार रात 9 से 10 बजे के आसपास गुजरात तट से टकारने का अनुमान है। संभावित चक्रवात जब धरती से टकराएगा, तब हवा की गति 115-125 किलोमीटर प्रतिघण्टा रहने की संभावना है। चक्रवात की केवल गति घटी है, परंतु संकट अभी टला नहीं होने के कारण प्रशासन ऐहतियात के रूप में संपूर्ण तैयारियां करके सतर्कता बरत रहा है।
राज्य सरकार ने स्थानांतरण पर विशेष बल देते हुए 8 ज़िलों में अब तक कुल 94 हज़ार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। इनमें जूनागढ में 4864, कच्छ में 46823, जामनगर में 9942, पोरबंदर में 4379, द्वारिका में 10749, गीर सोमनाथ में 1605, मोरबी में 9243 तथा राजकोट में 6822 सहित कुल 94427 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
निकट आने पर हवा की गति और बारिश दोनों तेज होगी
राहत आयुक्त के अनुसार चक्रवात जैसे-जैसे समुद्र तट के निकट आएगा, वैसे-वैसे हवा की गति तथा वर्षा में वृद्धि होगी। चक्रवात से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले उपरोक्त 8 ज़िलों की 55 तहसीलों में पिछले तीन दिनों के दौरान कुल 2248 मिलीमीटर वर्षा दर्ज़ हुई है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के दौरान भी भारी से अति भारी वर्षा होने की आशंका व्यक्त की है। संभावित चक्रवात के गुजरात तट से टकराने के बाद 16 जून को उत्तर गुजरात के बनासकांठा तथा पाटण जैसे ज़िलों में भी भारी से अति भारी वर्षा होने की चेतावनी के चलते सम्बद्ध ज़िला प्रशासन को पूर्व तैयारियां कर लेने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
वन जीवों की भी होगी सुरक्षा
आलोक पांडे ने बताया कि संभावित चक्रवात के फलस्वरूप जनजीवन के अतिरिक्त वन्य प्राणी भी प्रभावित हो सकते हैं। वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने लगभग 180 टीमें तैयार की हैं। इसके अलावा, आवासीय क्षेत्रों में भी लोगों को अपने पशु खुले में रखने के निर्देश दिए गए हैं। जलापूर्ति विभाग ने चक्रवात से संभावित प्रभावित ज़िलों में वर्षा या तेज़ हवा के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो जाने के बावजूद लोगों को पीने का पानी आसानी से मुहैया कराने की व्यवस्था की हैं। जलापूर्ति पर विपरीत प्रभाव न पड़ने देने तथा जलापूर्ति बनाए रखने के लिए कुल लगभग 25 जनरेटर सेट कच्छ, द्वारका एवं जामनगर में स्टैंडबाय रखे गए हैं। इतना ही नहीं, 5 डीज़ल जनरेटर सेट मोरबी में बैकअप के रूप में तैयार रखे गए हैं। एक मुख्य अभियंता को कच्छ भेजा गया है तथा अधीक्षक अभियंता स्तर के अधिकारियों को मोरबी, द्वारका, राजकोट तथा जामनगर में ड्यूटी सौंपी गई है।
हटाए गए पेड़
पेड़ धराशाई हों, तो उन्हें हटा कर सड़क यातायात पुन: बहाल करने के लिए सड़क एवं भवन विभाग की टीमों को ज़रूरी मशीनरी तथा डीज़ल जनरेटर के साथ तैयार किया गया है। राज्य में अब तक पेड़ धराशायी होने की 400 घटनाएं हुई हैं। राहत आयुक्त ने बताया कि संभावित चक्रवात के कारण संचार व्यवस्था को प्रभावित होने से रोकने के लिए मोबाइल ऑपरेटर्स इंट्रासर्किल रोमिंग की सुविधा के साथ तैयार हैं। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ज़रूरत पड़ने पर सेटेलाइट फोन्स, वायरलेस नेटवर्क का उपयोग भी सुनिश्चित किया गया है। आलोक कुमार पांडे ने कहा कि एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़, पुलिस तथा प्रशासन; सभी साथ मिल कर इस संभावित चक्रवात से कम से कम नुक़सान हो; इसके लिए पर्याप्त सामूहिक प्रबंधन के साथ कार्यरत हैं।
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में सीएम ने की बैठक
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात में संभावित ‘बिपरजॉय’ चक्रवात से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए कामकाज का विवरण जानने के लिए गुरुवार को स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंच कर उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में पटेल ने संबंधित अधिकारियों से संभावित चक्रवात की स्थिति के समक्ष प्रशासन द्वारा किए गए आयोजन का विवरण प्राप्त किया और उन्हें आवश्यक सुझाव दिए। इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, राजस्व तथा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, वरिष्ठ प्रधान सचिवों, सचिवों और अधिकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को अपने-अपने विभागों के अब तक हुए कामकाज का ब्योरा दिया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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